बीएसएनके न्यूज डेस्क / देहरादून। खुद को ट्रेजरी आफिसर बताकर रिटायर्ट चिकित्सक से 10 लाख पचास हजार की साईबर ठगी करने के आरोपी को उत्तराखण्ड एसटीएफ ने गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की है। आरोपी साईबर ठग को पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार किया गया है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ उत्तराखण्ड आयुष अग्रवाल ने बताया गया कि हल्द्वानी, जनपद नैनीताल निवासी रिटायर्ड चिकित्सक हरीश लाल ने कोतवाली हल्द्वानी में शिकायत दर्ज कराई थी कि अज्ञात कालर व्यक्ति ने स्वयं को ट्रेजरी आफिसर बताकर उनके पेंशन देयकों के भुगतान के नाम पर कुल रू० 10,50,000 की धोखाधड़ी की है। पुलिस ने मामला दर्ज कर इसकी छानबीन की। जिसकी विवेचना थाना कोतवाली हल्द्वानी से साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन कुमाऊँ परिक्षेत्र रूद्रपुर को स्थानान्तरित की।
जिसके बाद सीओ एसटीएफ/ साईबर क्राईम कुमाऊँ परिक्षेत्र सुमित पाण्डे के निर्देशन में इस केश की विवेचना प्रभारी निरीक्षक साईबर क्राईम ललित मोहन जोशी को दी गयी, तो ’विवेचना से एसटीएफ को जानकारी मिली कि जो धनराशि साईबर ठगों द्वारा ठगी गयी है। उसे कोलकता और बिहार में विभिन्न एटीएम से निकाला गया है। इस पर एक टीम को तत्काल कोलकता और बिहार भेजा गया ।
वहां पर इस टीम द्वारा 15 दिन तक एटीएम कैश विड्रॉल सीसीटीवी फुटेज व अन्य सम्भावित पतों पर छानबीन की और आरोपी की गिरफ्तारी के लिए बिहार के हाजीपुर, वैशाली आदि जनपदों में और पश्चिम बंगाल के कोलकता शहर के कई इलाकों में छापे मारी की। फलस्वरूप इस मामले में अभिषेक शॉ पुत्र अरुण शॉ नि० विदुपुर थाना बिदुपुर जनपद वैशाली बिहार को पश्चिम बंगाल क्षेत्र थाना कस्बा कोलकता क्षेत्र में स्थित उसके फ्लैट से गिरफतार किया गया तथा उसके कब्जे से घटना में प्रयुक्त सिम कार्ड्स, मोबाईल फोन्स, डेबिट कार्ड्स बरामद किये गये हैं।
एसटीएफ के अनुसार पकड़ा गया साईबर ठग को पूर्व में भी कोलकाता पुलिस द्वारा साईबर ठगी के आरोप में जेल भेजा जा चुका है। परन्तु ’जेल से छूटने के बाद साईबर ढंग अभिषेक अपने काम को और भी शांतिर तरीके से करने लगा और पुलिस से बचने के तरह तरह के हथकण्डे प्रयोग करता था’ परन्तु एसटीएफ की साईबर पुलिस की टीम द्वारा ’पिछले 15 दिन से अधिक समय तक कोलकता में रहकर’ जमीनी स्तर कार्य करते हुए उक्त साईबर क्रिमिनल के बारे में जानकारी जुटायी और इस ’ठग को कोलकता शहर के करने से गिरफ्तार कर ट्रांजिट रिमाण्ड प्राप्त कर उत्तराखण्ड ले आयी है।