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मून वोक कर रहा है प्रज्ञान, ISRO का ट्वीट- रोवर ने चांद पर शुरू किया काम

Pragyan is doing moon walk ISRO's tweet - Rover started work on the moon

 

बीएसएनके न्यूज डेस्क। इसरो ने बुधवार शाम 6 बजकर 4 मिनट पर इतिहास रचा और विक्रम लैंडर को सफलतापूर्वक चांद पर लैंड कराया। भारत चांद के दक्षिणी हिस्से में लैंड करने वाला दुनिया का पहला देश बना है। अब वहां प्रज्ञान रोवर अगले 14 दिन तक चहलकदमी करेगा।

भारत की स्पेस एजेंसी भारतीय अन्तरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का मिशन चंद्रयान-3 सफल हो गया है और अब असली काम शुरू हुआ है. इसरो ने गुरुवार सुबह ऐलान किया कि प्रज्ञान रोवर विक्रम लैंडर से बाहर निकल गया है और उसने अपना काम शुरू कर दिया है। इसरो का यह ट्वीट हर भारतीय को राहत देता है और यह मिशन की सफलता को दर्शाता है।

गुरुवार सुबह इसरो द्वारा चंद्रयान-3 मिशन को लेकर ताजा ट्वीट किया गया। इसमें बताया गया कि चंद्रयान-3 के रोवर ने संदेश दिया है कि मेड इन इंडिया, मेड फॉर द मून. चंद्रयान-3 का रोवर लैंडर से बाहर निकल गया है और भारत चांद पर चल रहा है,जल्द ही आगे के अपडेट्स मिलेंगे।

बुधवार शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चंद्रयान-3 ने इतिहास रचा था। चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर ने चांद के साउथ पोल पर सफलतापूर्वक लैंडिंग की थी। चांद के इस हिस्से में भारत लैंड करने वाला दुनिया का पहला देश बना था, सफलतापूर्वक लैंडिंग के करीब दो घंटे बाद प्रज्ञान रोवर लैंडर से बाहर निकल गया था। अब गुरुवार सुबह प्रज्ञान रोवर ने अपना काम शुरू किया।

हिन्दुस्तान ने 14 जुलाई को चंद्रयान-3 मिशन लॉन्च किया था, करीब 41 दिन के सफर के बाद ये चांद पर पहुंचा है। इस मिशन का मूल मकसद चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पानी की खोज करना है, इसके अलावा वहां की सतह की जानकारियां जुटाना और उनके बारे में रिसर्च करना है। पृथ्वी के हिसाब से चंद्रयान-3 का प्रज्ञान रोवर 14 दिन तक वहां पर काम करेगा और अपनी सभी जानकारी विक्रम लैंडर को भेजेगा. विक्रम लैंडर से ये जानकारी चांद की कक्षा में घूम रहे प्रोपल्शन मॉड्यूल को मिलेंगी और फिर वहां से सभी जानकारी इसरो को मिलेंगी।

इसरो ने बीते दिन ही चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर की तस्वीर साझा की थी, जिसमें चांद पर विक्रम लैंडर के पैर की तस्वीर दिख रही थी। इसके अलावा विक्रम लैंडर ने चांद के दक्षिणी हिस्से की तस्वीर भी भेजी थी, जो दुनिया के लिए एक अहम घटना थी। इसरो की इस सफलता का जश्न पूरे देश ने मनाया है, साथ ही अमेरिका समेत दुनिया के अन्य बड़े देशों की स्पेस एजेंसियों ने भी इसको लेकर बधाई दी है।