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90 फीसदी लोगों में डिप्रेशन के ये लक्षण सबसे कॉमन, कहीं आप भी तो नहीं हैं शिकार?

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बीएसएनके न्यूज / हेल्थ डेस्क। भारत में डिप्रेशन के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, डिप्रेशन के कारण लोग आत्महत्या तक कर लेते है। ऐसे में आपको इस समस्या के लक्षणों की जानकारी होना जरूरी है। मेंटल हेल्थ एंड बिहेवियरल साइंस विभाग में विशेषयज्ञ ने इस बारे में डिटेल में बताया है।

डिप्रेशन एक ऐसी समस्या है जो धीरे -धीरे अपना दायरा बढ़ा रही है। ये एक परेशानी इंसान को आत्महत्या तक करने पर मजबूर कर देती है। चिंता की बात यह है कि आज भी लोग इस समस्या के बारे में बात करने से बचते हैं। किसी की मेंटल हेल्थ खराब हो रही है तो उसको लक्षण भी आसानी से पता नहीं चल पाते हैं। चिंता, डर और घबराहट से होने वाली शुरुआत डिप्रेशन बन जाती है, जो बाद में कई समस्याओं का कारण बनता है।

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अमेरिकन साइकेट्री एसोसिएशन के मुताबिक, बीते कुछ सालों में दुनियाभर में डिप्रेशन के मामले बढ़ रहे हैं। भागदौड़ से भरी जिंदगी ने हालात और खराब कर दिए हैं। 14 साल से 30 साल की उम्र में इस समस्या के केस ज्यादा आ रहे हैं। अधिकतर मामलों में लोगों को पता ही नहीं चल रहा कि वो डिप्रेशन से पीड़ित हैं।

अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि ये कैसे पता चले कि आप डिप्रेशन का शिकार हो रहे हैं? इस बारे में डॉक्टरों का कहना है कि शुरुआती स्तर पर डिप्रेशन के लक्षणों की पहचान करने से स्थिति के बिगड़ने से पहले ही इलाज होना संभव है, लेकिन आज भी लोग मानसिक स्वास्थ्य को लेकर डॉक्टर से बात करने में बचते हैं. यही कारण है कि बहुत ले लोग डिप्रेशन की चपेट में आ जाते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, भारत में सबसे ज्यादा लोग डिप्रेशन से पीड़ित है। मानसिक स्वास्थ्य को लेकर शुरुआती उम्र से ही जागरूकता लाने की जरूरत है। इसके लिए सबसे पहले डिप्रेशन के उन लक्षणों को जानना जरूरी है जो इस बीमारी के 90 फीसदी मरीजों में मिलते हैं।

ये होते हैं लक्षण

मेंटल हेल्थ एंड बिहेवियरल साइंस विशेषयज्ञ ने बताए ये 11 लक्षण ।

1- व्यक्ति को अचानक भूख कम या ज्यादा लगना शुरू हो जाए  2- दिमाग में निगेटिव खयाल आने लगें

3- हमेशा थकान बनी रहे 4- खुद को बेकार समझना 5- किसी काम में मन न लगना

6- नींद का पैटर्न बदल जाना 7- हंसकर या मुस्कुराकर भावनाएं छिपाने की कोशिश करना

8- अकेले रहने का मन करना 9- किसी काम को करने में खुशी महसूस न होना

10- जीवन की किसी दुखद घटना को हमेशा याद करते रहना 11- नहीं करते डिप्रेशन पर बात

विशेषयज्ञ बताते हैं कि 2021 में यूनिसेफ के एक सर्वेक्षण में पता चला था कि भारतीय युवा मानसिक तनाव और डिप्रेशन को लेकर बात करने में हिचकते हैं।विशेषयज्ञ कहते हैं कि अगर समय पर डिप्रेशन के लक्षणों की पहचान कर इलाज करा लें तो आत्महत्या के मामलों में काफी कमी आ सकती है।

इसलिए ये जरूरी है कि अगर आपको डिप्रेशन के ये लक्षण नजर आ रहे हैं तो डॉक्टर से बात करनी चाहिए। अगर आपको अपने किसी परिचित, मित्र या परिवार के सदस्य के व्यवहार में भी ये बदलाव दिख रहे हैं तो भी उसकी मदद करें।