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डॉ. बीके जोशी की पुस्तक ‘परेड ग्राउंड टू लैंसडाउन चौक – मेकिंग ऑफ दून लाइब्रेरी एंड रिसर्च सेंटर’ का हुआ विमोचन

बीएसएनके न्यूज डेस्क / देहरादून। शिक्षाविद और कुमाऊं विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ भूपेंद्र कुमार जोशी ने अपनी नई पुस्तक ‘परेड ग्राउंड टू लैंसडाउन चौक – मेकिंग ऑफ़ दून लाइब्रेरी एंड रिसर्च सेंटर’ का विमोचन किया।

इस अवसर पर बोलते हुए, डॉ. जोशी ने कहा, “मेरी किताब ‘परेड ग्राउंड टू लैंसडाउन चौक – मेकिंग ऑफ दून लाइब्रेरी एंड रिसर्च सेंटर’ युवाओं और जन पाठकों को इतने वर्षों तक जानकारी प्रदान करने के लिए दून लाइब्रेरी के इतिहास और उपलब्धियों के बारे में बात करती है। यह किताब लाइब्रेरी द्वारा हासिल की गई उपलब्धियों पे प्रकाश डालती है, और उन महानतम व्यक्तियों की संक्षिप्त जीवनी भी साझा करती है जिन्होंने दून लाइब्रेरी की स्थापना करी और नई दुनिया को मद्देनज़र रखते हुए इसमें बदलाव लाये।”

आगे बोलते हुए उन्होंने कहा, “यह पुस्तक दून लाइब्रेरी की विरासत और इसे एक जीवंत और समावेशी संस्थान बनाने वाले लोगों के प्रति एक श्रद्धांजलि है। मैं उम्मीद करता हूँ कि यह पुस्तक युवाओं और जन पाठकों को पुस्तकालयों के मूल्य ज्ञान, संस्कृति और सामाजिक एकता का स्रोत की सराहना करने के लिए प्रेरित करेगी।

डॉ. जोशी दून लाइब्रेरी एंड रिसर्च सेंटर के संस्थापक ट्रस्टी हैं और वर्ष 2009 में इसकी स्थापना के बाद से इससे जुड़े हुए हैं। इलाहाबाद से परास्नातक पूरा करने के बाद, डॉ. जोशी ने अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ़ हवाई से राजनितिक विज्ञान में पीएचडी प्राप्त की। वे वर्ष 1963 से 1979 तक उसी विश्वविद्यालय में प्रोफेसर के रूप में कार्यरत रहे। उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है, जिनमें वर्ष 1980 से 1996 तक लखनऊ में गिरी इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट स्टडीज के निदेशक, और वर्ष 1996 से 1998 तक कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति शामिल हैं।

डॉ. जोशी ने सेव द चिल्ड्रन-यूके, यूनिसेफ, और उज्बेकिस्तान, किर्गिस्तान, सर्बिया और मैसेडोनिया की सरकारों के साथ प्राथमिक शिक्षा और भागीदारी दृष्टिकोण पर एक स्वतंत्र सलाहकार के रूप में भी काम किया है। अपने अकादमिक और परामर्शी कार्य के अलावा, डॉ. जोशी दून लाइब्रेरी एंड रिसर्च सेंटर के संस्थापक और मानद निदेशक, और उत्तराखंड में नीति नियोजन समूह के सदस्य भी हैं।