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बादल फटने से भारी तबाही,अलग थलग पड़े वाण और कुलिंग गांव की 3 हजार से भी अधिक की आबादी

बीएसएनके न्यूज / चमोली डेस्क । 22 अगस्त की देर रात को हुई भारी बारिश ने देवाल घाटी के सुदूरवर्ती गांवों में जमकर तबाही मचाई है। देर रात ब्रह्मताल के निचले हिस्से में बादल फटने से लोहजांग से आगे छ्जेली नामक स्थान पर थराली-वाण नंदा देवी राजजात मार्ग किमी 37 को नेस्तनाबूत कर दिया है।

उक्त सड़क का लगभग 40 मीटर हिस्सा बह गया है जिससे वाण और कुलिंग गांव की 3 हजार की आबादी का संपर्क देश दुनिया से कट गया है। दोनों गांव देश दुनियां से अलग थलग पड़ गए हैं। यही नहीं बादल फटने से 5 गांव की पेयजल लाइनें भी बह गई है जिससे ग्रामीणों के सामने पानी का संकट भी गहरा गया है।

क्षेत्र के सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ता हीरा सिंह गढ़वाली ने बताया की छ्जेली नामक स्थान पर थराली-वाण नंदा देवी राजजात मार्ग किमी 37 में बदल फटने से सड़क का करीब 40 मीटर हिस्सा बह गया है और लगभग 200 मीटर सड़क में मलवा पत्थर पसरा है। जिससे कुलिंग और वाण गांव के लोगों के सामने विभिन्न प्रकार के संकट आ खड़े हुए हैं।

बताया कि दोनो गांवों का संपर्क देश दुनिया से कट गया है अब आपदा के इस मौसम में बीमार और गर्भवती महिलाओं को कैसे अस्पताल तक पहुंचाया जा सकेगा यह बड़ा चिन्ता का विषय है साथ ही मुन्दोली इंटर कॉलेज व देवाल महाविद्यालय में पढ़ने वाले छात्र छात्राएं कैसे अध्ययन के लिए जा पाएंगे।

थराली-वाण नंदा देवी राजजामार्ग किमी 37 में नेस्तनाबूत, नंदा देवी लोकजात है अपने चरम पर।

उन्होंने कहा कि नन्दा देवी लोकजात आजकल अपने चरम पर है ऐसे में सड़क मार्ग का ऐसा हाल है तो नंदा देवी की वार्षिक लोकजात यात्रा 8 को वाण गांव में कैसे पहुंचेगी ये भी यक्ष प्रश्न है।

उन्होंने शासन, प्रशासन और सरकार से मांग की है कि नंदा देवी लोकजात एवं क्षेत्र की इस गंभीर समस्या पर अतिशीघ्र लोहाजंग से वाण सड़क को खोला जाए और 5 गांव की जो पेयजल लाइन क्षतिग्रस्त हुई है तत्काल वैकल्पिक व्यवस्था के आधार पर सुचारू की जाए।

क्षेत्र के लोगों का कहना है कि जब तक सड़क नहीं खुल जाती तब तक पैदल आवाजाही के लिए रास्ते को बनाए जाएं ताकि आपातकालीन स्थिति में आवाजाही हो सकें।

रिपोर्ट — सुरेन्द्र धनेत्रा, स्थानीय संपादक