बीएसएनके न्यूज / चमोली डेस्क। दशज्युला क्षेत्र में बिजराकोट की आराध्य देव रावल व लाटू देवता की छह माह से चली आ रही देवर यात्रा के अंतिम पड़ाव चमसील ( बैसौंड़)गांव में रात्रि विश्राम के बाद मंगलवार 04 जून को गौचर – सारी के समीप झालीमट में अलकनंदा नदी में समुद्र मंथन के भव्य आयोजन को देखने में भारी भीड़ उमड़ी।
22 नवंबर से प्रारंभ हुई बिजराकोट क्षेत्र के आराध्य देव रावल व लाटू देवता अपने छह माह की देवरा यात्रा में बद्रीविशाल भगवान के दर्शन करने सहित सैकड़ों गांवों का भ्रमण कर मंगलवार को अलकनंदा नदी में समुद्र मंथन किया गया। जिसे देखने के लिए सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुगण मौजूद रहे। अलकनंदा नदी में हुई देवताओं और राक्षसों के मध्य समुद्र मंथन में निकले कालकूट को शिव ने धारण किया।
इसी प्रकार कामधेनु ऋषियों के पास गयी, उच्चैअश्व घोड़ा दैत्य राज बली को,ऐरावत हाथी देवराज इन्द्र को, कौस्तुभ मणि विष्णु को, कल्पवृक्ष देवताओं को, रम्भा अप्सरा देवताओं को, लक्ष्मी ने विष्णु को वर किया, बारूणी मदिरा दैत्यों ने लिया, चन्द्रमां शिवजी के मस्तक पर, पंजजन्य शंक विष्णु, सारंग धनुष विष्णु, अमृत कलश धनवन्तरी वैद्य को मिला।
इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित हुऐ। जिसमे दिगम्बर बिष्ट, आरती गुसाईं, रामेश्वरी भट्ट व सुबेदार कुशाल सिंह नेगी ने सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुतियों और रावल देवता के जागरों से मौजूद दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
इस अवसर पर अंशुल मिश्रा, शुभम मैठाणी, एवं रावल देवता बन्यात देव यात्रा के अध्यक्ष वृजमोहन पंवार, संयोजक सुनील पंवार,सचिव नरेश बिष्ट, कोषाध्यक्ष कुलदीप नेगी,रावल देवता के पाश्व सुनील पंवार, लाटू देवता के पाश्व वृजमोहन पंवार, आकाश पंवार, राजेंद्र पंवार, विपिन राणा, उपेन्द्र बुटोला, विजय पंवार, अनिल पंवार, संदीप पंवार आदि सैकड़ों लोग मौजूद थे।
रिपोर्ट- ललिता प्रसाद लखेड़ा