नकली दवा की फैक्ट्री चलाने वाले सचिन और विकास पहले से ही दवा निर्माण क्षेत्र से जुड़े हुए थे। दोनों एक दूसरे को जानते थे। सचिन दवा कंपनी स्टेपफोर्ड लैबोरट्री लिमिटेड भगवानपुर में सुपरवाइजर था, तो विकास जगसन पाल फार्मास्युटिकल्स कंपनी में हरिद्वार में मार्केटिंग का काम करता था। नौकरी करते हुए दोनों ने दवाओं के बाजार को लेकर काफी जानकारी जुटा ली थी। इस बीच कोरोना काल में उनकी नौकरी छूट गई। इसके बाद दोनों ने नौकरी करने के बजाय जगसन पाल व वर्लटर बूसनल कंपनी की नकली दवाएं तैयार कर मार्केट में बेचने का प्लान बनाया।I
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Iदोनों ने कई फर्म खोलीं। सभी को जीएसटी में पंजीकरण कराया। देहरादून के रायपुर क्षेत्र में दिसंबर 2022 में उन्होंने एसएस मेडिकोज नाम से एक फर्म खोली। इसमें दोनों पार्टनर हैं। इसी फर्म के माध्यम से वह दिल्ली, लखनऊ, कोलकाता आदि शहरों में दवाई सप्लाई करते थे। इससे जो लाभ होता था उसे दोनों बराबर बांट लेते थे।
Iमुंबई की रोलेक्स फार्मा कंपनी से खरीदते थे कच्चा माल
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Iआरोपियों ने बताया कि दवाई बनाने के लिए मकदूमपुर गांव में फैक्ट्री खोली थी। वहीं मशीनें रखी हैं। कच्चा माल मुंबई की रोलेक्स फार्मा की एक कंपनी से खरीदते थे। भुगतान ऑनलाइन करते थे। वहां से कच्चा माल विजयलक्ष्मी ट्रांसपोर्ट से रुड़की आता था, जिसे रुड़की में उतारकर अपनी फैक्ट्री में ले जाते है। कच्चे माल की डिलीवरी हफ्ते में ली जाती है। उसके बाद वहां दोनों फार्मास्युटिकल कंपनी एवं अन्य कंपनी की दवाओं को उनके कंपोजीशन के आधार पर कुछ कम मात्रा में भरकर नकली दवाएं बनाते थे।
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Iदिल्ली व भगवानपुर से लाते थे दवाओं के लिए रैपरI
Iआरोपी दवाओं के लिए रैपर दिल्ली और भगवानपुर में एक व्यक्ति को प्रिंट करने के लिए देेते थे। उन्हें 800 रुपये किलो के हिसाब से रैपर प्रिंट कर देता था। सचिन सारे कूटरचित बिल अपने लैपटाॅप पर एडिट करके तैयार करता था।Iएक हफ्ते में कर लेते थे दस पेटी दवा तैयार
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Iआरोपी सचिन ने बताया कि मार्केटिंग में होने के कारण विकास का पहले से ही डीलरों से संपर्क था। वह एक हफ्ते में 10 पेटी करीब 200 डिब्बे तैयार कर लेते थे।
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Iकरोड़ों की संपत्ति की अर्जितI
Iआरोपियों ने बताया कि दवाएं बेचकर करोड़ों रुपये का लाभ और कई संपत्तियां अर्जित की। सचिन ने रेंज रोवर कार भी इन्हीं पैसों से ली है। इसके अतिरिक्त विकास ने रुड़की में 35 लाख रुपये का प्लाॅट व 12 लाख रुपये की किया सोनेट कंपनी की गाड़ी खरीदी है। इसके अतिरिक्त उषा एन्क्लेव में 50 लाख रुपये का मकान व मकदूनपुर में फैक्ट्री के लिए चार बीघा जमीन भी ली है। इस फैक्ट्री स्थापित करने की योजना थी।I