बीएसएनके न्यूज डेस्क / देहरादून। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान जोधपुर ने एनईपी 2020 (राष्ट्रीय शिक्षा नीति) के आदर्शों पर आगे बढ़ते हुए जोधपुर शहर में हल्ट पुरस्कार प्रतियोगिता 2023 का आयोजन किया। इसमें उद्यम पर जोर देने वाले विभिन्न संस्थानों ने परस्पर सहयोग दिया है।
हल्ट पुरस्कार एक विश्व स्तर पर प्रसिद्ध सामाजिक उद्यमिता प्रतियोगिता है जो ऐसे इनोवेटिव सामाजिक उद्यमियों की पहचान और समर्थन करना चाहती है जो समाज के कुछ सबसे अहम मुद्दों का समाधान कर सकते हैं। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान जोधपुर (आईआईटीजे) ने शैक्षणिक वर्ष 2022-23 में हल्ट प्राइज के साथ भागीदारी कर अपने कैंपस में प्रतियोगिता की शुरुआत की। इस वर्ष प्रतियोगिता का थीम ‘रीडिजाइनिंग फैशन’है।
आईआईटीजे का यह मानना है कि समाज की बड़ी समस्याओं के सार्थक समाधान के लिए विभिन्न विषयों को आपस में जोड़ने का दृष्टिकोण अपनाना ज़रूरी है। इसलिए संस्थान ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी जोधपुर (एनआईएफटीजे) और फुटवियर डिजाइन एंड डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट जोधपुर (एफडीडीआईजे) के साथ सहयोग करार किया ताकि विभिन्न संस्थानों के छात्रों के बीच परस्पर सहयोग बढ़े। कैंपस स्तरीय प्रतियोगिता में विभिन्न संस्थानों के परस्पर मिल कर तैयार 21 टीमों ने भाग लिया। कैंपस स्तरीय प्रतियोगिता में आईआईटीजे एनआईएफटीजे और एफडीडीआईजे के 70 छात्रों ने मिलकर भाग लिया।
प्रतियोगिता दो राउंड में आयोजित की गई थी और अतिथि वक्ताओं के सत्र भी आयोजित किए गए थे। इनमें एक का संचालन हल्ट प्राइज 2022 के विश्व विजेता ब्रायन एनडुंगु और आईआईटीजे में डिजाइन और उद्यमिता संकाय के प्रोफेसर निमिष वोहरा ने किया था। उन्होंने सामाजिक उद्यम के अनुभव बताए और सूझबूझ साझा करते हुए तीनों संस्थानों के छात्रों को प्रेरित किया कि ऐसे उद्यमों में सफलतापूर्वक भागीदारी करें।
पहले राउंड में सभी 21 टीमों ने निर्णायकों के एक पैनल के सामने अपने आइडिया प्रस्तुत किए। उनकी प्रस्तुतियों का आकलन कई मानकों पर किया गया जिसमें नवाचार, व्यवहार्यता माप योग्यता और सामाजिक प्रभाव शामिल थे। गहन आकलन के बाद 10 टीमों को दूसरे राउंड के लिए चुना गया। एक अन्य राउंड के आकलन के बाद टीम ‘द क्विंट’ को विजेता चुना गया। उनकी टैगलाइन है ‘रीउपयोग’ : ओल्ड टू न्यू । विजेता टीम में मेडिकल टेक्नोलॉजी ,फैशन डिजाइन ,इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और प्रबंधन और उद्यमिता सहित विभिन्न विषयों के विद्यार्थी शामिल हैं।
द क्विंट ने अपनी जगह पूरी दुनिया के कैंपसों से चुनी गईं 3000 विजेता टीमों में सुनिश्चित कर ली है। इस प्रतियोगिता में 150+ देशों की 20000 टीमों की भागीदारी देखी गई। द क्विंट टीम की प्रतिस्पर्धा अब मध्य और दक्षिण एशिया क्षेत्र की विजेता टीमों से होगी जो ग्लोबल राउंड की प्रतियोगिता के लिए मुंबई में एकत्र होंगी जहां सर्वोपरि टीम को अपना उद्यम बढ़ाने के लिए 1 मिलियन डालर का पुरस्कार दिया जाएगा।