बीएसएनके न्यूज डेस्क । भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान जोधपुर ने अपने शोध के माध्यम से असमान सड़क पर चलते इलेक्ट्रिक वाहनों की स्पीड औसिलेशन कम करने का समाधान पेश किया है। यह समाधान इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के लिए है। वातावरण में कार्बन उत्सर्जन की एक बड़ी वजह वाहनों का परिचालन है और वायु प्रदूषण के लगभग 26 प्रतिशत की वजह आंतरिक दहन इंजन (आईसीई) वाले वाहन है।
यह उत्सर्जन हानिकारक है। इसलिए इसे कम करने के लिए ऐसे वाहनों के बजाय इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को बढ़ावा दिया जा रहा है। ऐसे में इलेक्ट्रिक वाहनों के विकास और उनके बेहतर नियंत्रण पर जोर देना लाजमी है। साथ ही बैटरी को अधिक सक्षम, मोटर के डिजाइन को टिकाऊ और वाहन उत्पादन की लागत कम करने पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है। कुल मिला कर वाहनों के कार्य प्रदर्शन बेहतर बनाने और ईवीएस को आईसीई वाहनों का व्यावहारिक विकल्प बनाने के लिए प्रोत्साहन दिया जा रहा है।
शोधकर्ताओं द्वारा प्रस्तुत समाधान इंडक्शन मोटर (आईएम) के लिए इंटीग्रल स्लाइडिंग मोड कंट्रोल आधारित डायरेक्ट टॉर्क कंट्रोल (आईएसएम-डीटीसी) की विधि पर आधारित है। इस समाधान का उद्देश्य वाहन परिचालन में अनिश्चितताओं और पैरामीट्रिक विविधताओं के मद्देनजर किसी बाधा को दूर करने और दमदार प्रदर्शन के लिए अंतर्निहित गुणों का लाभ उठाना है।
इसमें ईवी परिचालन की अनिश्चितताओं के मद्देनजर सामान्य प्रपोर्शनल-इंटीग्रल (पीआई) आधारित डीटीसी (पीआईडीटीसी) सामधान का प्रदर्शन बेहतर करने का भी प्रयास किया गया है। यह शोध पत्र डॉ. दीपक फुलवानी, एसोसिएट प्रोफेसर, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग, आईआईटी जोधपुर के साथ डॉ. शिवम चतुर्वेदी,राममोहन और संदीप यादव ने मिल कर आईईईई ट्रांजेक्शंस वेइक्युलर टेक्नोलाॅजी में प्रकाशित किया।
अनुसंधान का महत्व बताते हुए डॉ. दीपक फुलवानी, एसोसिएट प्रोफेसर, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग, आईआईटी जोधपुर ने कहा, ‘‘यह शोध कार्य हर तरह की सड़कों पर ईवी वाहन परिचालन को अधिक आरामदायक बनाने के दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण है।
शोध में जिस कंट्रोलर का प्रस्ताव है उसे पीआईडीटीसी के साथ जोड़ कर ईवी वाहन की गति बरकरार और सामान्य नियंत्रण रखने का लक्ष्य है। नाॅन-लिनियर आईएसएम लूप वाहन की गति में अनियमित बदलाव रोकने में प्रभावी है जो विधुत चुम्बकीय टाॅर्क और डायनामिक लोड टाॅर्क की मांग संतुलित करने से संभव होता है। इसके अतिरिक्त नियंत्रण का यह समाधान वाहन परिचालन में अनिश्चितताएं समाप्त कर सकता है।
इस क्षेत्र में आईआईटी जोधपुर के एम.टेक. (साइबर फिजिकल सिस्टम्स) जैसे कोर्स उपलब्ध हैं। प्रवेश लेने के इच्छुक उम्मीदवार
www.iitj.ac.in से विवरण प्राप्त कर सकते है। इस प्रोग्राम के तहत उद्योग जगत के अनुकूल पेटेंट लैंडस्केपिंग के साथ-साथ संबंधित विभाग में एम.टेक. प्रोजेक्ट, स्पांसर्ड और कंसल्टेंसी प्रोजेक्ट के माध्यम से व्यापक प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। प्रोग्राम में शिक्षा की अधिक सुविधाजनक प्रक्रिया है जो एम.टेक-पीएचडी डुअल डिग्री माध्यम से पीएचडी जारी रखने का विकल्प देती है।