बीएसएनके न्यूज डेस्क/अंतरराष्ट्रीय :- सूत्रों का कहना है कि इस साल पाकिस्तान में मौजूद भारत के कई मोस्ट वांटेंड आतंकी मारे जा चुके हैं। इतना ही नहीं, भारत के मोस्ट वॉन्टेड आतंकियों के अजीबो-गरीब तरह से निशाना बनाए जाने का सिलसिला, केवल पाकिस्तान में ही नहीं, बल्कि दुनिया के दूसरे मुल्कों में भी चल रहा है।
पाकिस्तान में भारत के मोस्ट वॉन्टेड आतंकियों के मारे जाने का सिलसिला शुरु हो गया है। पिछले दिनों इस फेहरिस्त में दो नए नाम सामने आए थे, जिनमें से एक शाहिद लतीफ था, जिसे पठानकोट हमले का मास्टर माइंड बताया जाता है। दूसरा आतंकी आईएसआई का एजेंट मुल्ला बाहौर उर्फ होर्मुज है, वह भी पाकिस्तान के भीतर अज्ञात लोगों की गोली का शिकार हो गया था। अब जिस आतंकी के मारे जाने की खबर आ रही है, उसका नाम दाऊद मलिक है, जिसे वैश्विक आतंकी संगठन ‘जैश-ए-मोहम्मद’ के सरगना मसूद अजहर का करीबी बताया जाता है। ‘जैश-ए-मोहम्मद’ के अलावा दाऊद मलिक, लश्कर-ए-जब्बर और लश्कर-आई-जांगवी से भी जुड़ा हुआ था। बता दें कि मसूद अजहर, हाफिज सईद, लखवी और दाऊद इब्राहिम आदि को यूएपीए के तहत भारत सरकार ने आतंकी घोषित किया है।
बालाकोट एयर स्ट्राइक में बच गया था मलिक
दाऊद मलिक को पाकिस्तान के उत्तरी वजीरीस्तान में मारा गया है। वे अज्ञात लोगों की गोली का निशाना बने हैं। सूत्रों का कहना है कि इस साल पाकिस्तान में मौजूद भारत के कई मोस्ट वांटेंड आतंकी मारे जा चुके हैं। इतना ही नहीं, भारत के मोस्ट वॉन्टेड आतंकियों के अजीबो-गरीब तरह से निशाना बनाए जाने का सिलसिला, केवल पाकिस्तान में ही नहीं, बल्कि दुनिया के दूसरे मुल्कों में भी चल रहा है। पुलवामा हमले के बाद जब भारतीय सेना ने बालाकोट पर एयर स्ट्राइक की थी तो उस वक्त दाऊद मलिक की वहां पर उपस्थिति बताई जाती है। हालांकि बाद में ऐसी जानकारी सामने आई थी कि उस हमले में दाऊद मलिक बच निकला था। ये सभी आतंकी, आईएसआई की हिफाजत में रहते हैं। दुनिया की आंखों में धूल झोंकने के लिए पाकिस्तान, इन आतंकियों को लेकर नए पैंतरे चलता रहता है। शंघाई सहयोग संगठन की बैठक से पहले पाकिस्तान ने कहा था कि मौलाना मसूद अजहर, अफगानिस्तान में है। उसकी गिरफ्तारी के लिए अफगानिस्तान को चिट्ठी लिखी गई है।
पिछले दिनों मारे गए थे ये दो मोस्ट वॉन्टेड
भारत का मोस्ट वॉन्टेड आतंकी शाहिद लतीफ, पाकिस्तान के गुजरांवाला का रहने वाला था। कुछ दिन पहले ही उसे अज्ञात हमलावरों ने बहुत करीब से गोली मारी थी। 2016 का पठानकोट हमला, जिसमें भारतीय सेना के सात जवान शहीद हुए थे, शाहिद लतीफ ही उस अटैक का मास्टर माइंड बताया जाता है। उसे आईएसआई से विशेष ट्रेनिंग मिली थी। लतीफ को आतंकी संगठन, जैश-ए-मोहम्मद ने सियालकोट सेक्टर के प्रमुख की जिम्मेदारी सौंपी थी। दूसरा आतंकी, आईएसआई का एजेंट मुल्ला बाहौर उर्फ होर्मुज है। उसे बलूचिस्तान के क्षेत्र में गोली मारी गई थी। बाहौर के बारे में कहा जाता है कि उसने ही ईरान से कुलभूषण जाधव को अगवा कर आईएसआई के हवाले किया था। भारतीय नौसेना से रिटायर हुए कुलभूषण जाधव इस वक्त पाकिस्तान की जेल में है। कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान की कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई थी। इसके खिलाफ भारत ने हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में दस्तक दी थी। वहां से कुलभूषण की मौत की सजा पर रोक लगाई गई है।
पाकिस्तान में मारे गए हैं ये वॉन्टेड आतंकी
20 फरवरी को बशीर अहमद पीर उर्फ इम्तियाज को रावलपिंडी में गोली मारी गई थी। वह केंद्र सरकार के आतंकियों की सूची में शामिल था। उसका काम पाकिस्तान से जम्मू कश्मीर में घुसपैठ कराना था। आईएसआई ने उसे हिजबुल मुजाहिदीन का लांच पैड संभालने की जिम्मेदारी दी थी। पिछले माह ‘लश्कर ए तैयबा’ के प्रमुख हाफिज सईद के करीबी अबु कासिम को रावलकोट में गोली मारी गई थी। खालिस्तान कमांडो फोर्स का दुर्दांत आतंकी और भारत में मोस्ट वॉन्टेड परमजीत सिंह पंजवड़ की भी पाकिस्तान में अज्ञात लोगों ने गोली मारकर हत्या की थी। उसके अलावा पाकिस्तान में हिजबुल मुजाहिदीन का टॉप आतंकी बशीर मीर उर्फ इम्तियाज आलम और जैश का खूंखार आतंकी जहूर मिस्त्री की भी हत्या हुई थी। जहूर मिस्त्री कंधार विमान अपहरण कांड में शामिल था। कनाडा में भारत विरोधी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या हो गई थी। उस बाबत कनाडा और भारत के बीच विवाद चल रहा है।
खालिस्तान समर्थकों का पसीना छूटने लगा था
विदेशी मुल्कों में कुछ माह पहले भारत में आतंकवाद फैलाने वाले दो मोस्ट वॉन्टेड खालिस्तानी आतंकियों का ‘120’ घंटे के भीतर मारे जाना, एक बड़ी घटना थी। पहले खालिस्तानी आतंकी अवतार सिंह खांडा मारा गया। 15 जून को बर्मिंघम के एक अस्पताल में उसकी मौत हो गई थी। उसने लंदन स्थित भारतीय दूतावास पर राष्ट्रीय ध्वज को उताकर उसका अपमान किया था। इसके बाद 19 जून को कुख्यात खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की कनाड़ा में मौत हो गई। वह दो अज्ञात बंदूरधारियों की गोलियों का निशाना बना। ये दोनों आतंकी, एनआईए की मोस्ट वॉन्टेड टेरेलिस्ट लिस्ट में शामिल थे। हरदीप सिंह निज्जर पर तो एनआईए ने दस लाख रुपये का इनाम रखा था। महज 120 घंटे में दो आतंकियों का मारे जाना, इसके बाद कनाडा और दूसरे मुल्कों में बैठे खालिस्तान समर्थकों का पसीना छूटने लगा था।