किसी भी प्रकार की प्रॉपर्टी से अच्छे परिणाम पाने के लिए वास्तु के अनुसार भूमि का चयन करना आवश्यक है। सर्वोत्तम परिणामों के लिए प्लॉट चयन हेतु इन मुख्य वास्तु टिप्स का पालन करना चाहिए-
1. भूखण्ड हमेशा वर्गाकार या आयताकार होना चाहिए। अनियमित आकार, त्रिकोण, तथा गोलाकार आदि भूखंडों से बचना चाहिए।
घर बनाने के लिए गौमुखी भूखंड (आगे की ओर संकीर्ण और पीछे की ओर चौड़ा) बहुत शुभ माना जाता है, जबकि व्यावसायिक उद्देश्य के लिए शेरमुखी भूखंड (आगे की ओर चौड़ा और पीछे की ओर संकीर्ण) शुभ माना गया है।
2. भूमि का ढलान सदैव उत्तर, या उत्तर-पूर्व की ओर होना चाहिए तथा दक्षिण व् पश्चिम की ओर से ऊँचा होना चाहिए।
3. भूमि के आसपास कोई कब्रिस्तान, श्मशान, कूड़े का ढेर या सीवेज नहीं होना चाहिए। अस्पताल, नर्सिंग होम या धार्मिक संस्थान/ मंदिर आदि के सामने की भूमि भी वहां रहने वालों के लिए बीमारी और मानसिक परेशानी लाती है।
4. दो विशाल इमारतों के बीच स्थित छोटा प्लॉट अच्छा नहीं माना जाता है। वास्तु इसे सकारात्मक ऊर्जा में अवरोध मानता है और ऐसा भूखंड दुर्भाग्य और हानि को आकर्षित करता है।
5. प्लॉट की दक्षिण या दक्षिण-पश्चिम दिशा में मौजूद पहाड़ियां, पर्वत, ऊंची भूमि, ऊंची इमारतें या पेड़ भाग्यशाली माने जाते हैं। उत्तर या पूर्व दिशा में झील, नहर, नदी या जलाशय शुभ माना गया है। उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा में खाली भूमि भी समृद्धिकारक मानी जाती है।
6. भूमि की मिट्टी में चींटियों की बाम्बी, हड्डियां, कंकाल आदि नहीं होने चाहिए। उपजाऊ भूमि सदैव शुभ मानी जाती है।
7. सड़क या गली के अंतिम छोर पर स्थित भूखंड या संपत्ति बहुत ही अशुभ परिणाम दे सकती है, इसीलिए ऐसी प्रॉपर्टी कभी नहीं खरीदनी चाहिए।
लेख – प्राची शर्मा ( वास्तुशास्त्री )