Home देहरादून मलाबार ग्रुप ने 21,000 छात्राओं के लिए स्कॉलरशिप की घोषणा की

मलाबार ग्रुप ने 21,000 छात्राओं के लिए स्कॉलरशिप की घोषणा की

बीएसएनके न्यूज / देहरादून डेस्क। मलाबार गोल्ड एंड डायमंड्स की पैरेंट कंपनी और देश के अग्रणी कारोबारी समूह मलाबार ग्रुप ने बीकेसी, मुंबई के भारत डायमंड बोर्स में आयोजित एक कार्यक्रम में साल 2024 के नेशनल स्कॉलरशिप प्रोग्राम की घोषणा की।

यह घोषणा समूह की प्रमुख सीएसआर पहल मलाबार नेशनल स्कॉलरशिप प्रोग्राम के लिए अहम मील का पत्थर है, जो लड़कियों की शिक्षा को सपोर्ट करने को लेकर समूह की प्रतिबद्धता को दिखाता है. केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया।

इस कार्यक्रम में मलाबार ग्रुप के चेयरमैन एमपी अहमद, मलाबार ग्रुप के एमडी (इंडिया ऑपरेशन्स) अशेर ओ, मलाबार ग्रुप के वाइस चेयरमैन अब्दुल सलाम के पी भी उपस्थित थे। इस छात्रवृत्ति कार्यक्रम (स्कॉलरशिप प्रोग्राम) के तहत इस साल भारत की 21,000 छात्राओं की शिक्षा को सपोर्ट करने के लिए 16 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

इस पहल को लेकर मलाबार ग्रुप के चेयरमैन एमपी अहमद ने कहा, “शिक्षा दुनिया को बदलने का सबसे ताकतवर साधन है। हमारा छात्रवृत्ति कार्यक्रम मलाबार ग्रुप की उस गहरी मान्यता को सीधे तौर पर दिखाती है कि शिक्षा अवसरों के द्वार खोल देती है और लोगों के जीवन को बदल देती है। हम युवतियों के लिए बाधाओं को खत्म करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं ताकि वे अपनी शैक्षणिक आकांक्षाओं को पूरा कर पाएं और समाज के लिए सार्थक योगदान कर पाएं।

अपनी शुरुआत के समय से ही मलाबार ग्रुप ने सामाजिक कल्याण से जुड़ी अपनी गतिविधियों के जरिए समावेशी वृद्धि (ग्रोथ) को लेकर अपनी गहरी प्रतिबद्धता को दिखाया है। साल 1999 में इन प्रयासों की रूपरेखा तैयार करने और इसके विस्तार के लिए मलाबार चैरिटेबल ट्रस्ट (एमसीटी) का गठन किया गया था। समूह अपने लाभ का पांच प्रतिशत सीएसआर पहलों पर खर्च करता है। ये खर्च शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं, पर्यावरणीय स्थिरता और गरीबी उन्मूलन जैसे क्षेत्रों में किए जाते हैं, जिसमें सबसे ज्यादा ध्यान उन समुदायों को सशक्त बनाने के लिए किया जाता है जो हाशिए पर हैं।

मलाबार नेशनल स्कॉलरशिप प्रोग्राम की शुरुआत साल 2007 में की गई थी जो सीएसआर फ्रेमवर्क के तहत सबसे प्रमुख पहल है। इस कार्यक्रम के तहत अब तक देशभर में 95,000 छात्राओं को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने के लिए 60 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश किया जा चुका है।

लड़कियों की शिक्षा पर ध्यान देकर मलाबार ग्रुप का लक्ष्य ना सिर्फ व्यक्तियों बल्कि पूरे समुदाय का उत्थान करना है, और यह सुनिश्चित करना है कि भविष्य की पीढ़ियों के पास सामाजिक और आर्थिक प्रगति के पर्याप्त साधन मौजूद हों।

इस छात्रवृत्ति कार्यक्रम के साथ ही, मलाबार ग्रुप के हंगर-फ्री वर्ल्ड प्रोजेक्ट के तहत देशभर में वंचित लोगों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया जाता है। इस पहल को बड़ी संख्या में स्वयंसेवकों (Volunteers) का समर्थन प्राप्त है तथा इसके लिए कई स्थानीय एनजीओ से साझेदारी की गई है। इस पहल का उद्देश्य भुखमरी को खत्म करना और सबके लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

वर्तमान में देश के 16 राज्यों के 80 शहरों में हर दिन 50,000 से ज्यादा फूड पैकेट वितरित किए जा रहे हैं. इनके अतिरिक्त जाम्बिया में प्रतिदिन 10,000 फूड पैकेट वितरित किए जा रहे हैं। मलाबार समूह का लक्ष्य इस प्रोजेक्ट का दायरा बढ़ाते हुए 200 केंद्रों पर प्रतिदिन एक लाख लोगों की सेवा करना है. हंगर-फ्री वर्ल्ड प्रोजेक्ट का क्रियान्वयन सामाजिक सेवा में सक्रिय संगठन थनाल के साथ मिलकर किया जा रहा है।

मलाबार ग्रुप ने ग्रैंडमा होम प्रोजेक्ट की भी शुरुआत की है. इस कार्यक्रम के तहत बेघर महिलाओं को बिना किसी शुल्क के सभी सुविधाओं से लैस रिहाइश उपलब्ध कराई जाती है और इस तरह उन्हें संरक्षण दिया जाता है और उनकी देखभाल की जाती है. ये होम्स अभी बेंगलुरु और हैदराबाद में हैं. इस कार्यक्रम का विस्तार केरल के बड़े शहरों के साथ-साथ चेन्नई, कोलकाता, दिल्ली और मुंबई में भी करने की है।

ग्रुप की सीएसआर पहलों का लक्ष्य हाशिए पर पड़े समुदायों का उत्थान करना है. इन प्रयासों में वंचितों के लिए चिकित्सा सहायता, घर बनाने के लिए सहायता उपलब्ध कराना, जरूरतमंद महिलाओं की शादी के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध कराना शामिल है। अब तक मलाबार ग्रुप सामाजिक जिम्मेदारी से जुड़ी परियोजनाओं में 263 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश कर चुका है, जो सतत विकास के प्रति समूह की प्रतिबद्धताओं को दिखाता है।

शिक्षा और भुखमरी खत्म करने जैसे गहरे असर छोड़ने वाले पहलों पर मलाबार ग्रुप का लगातार ध्यान कंपनी की उस मान्यता को दिखाता है कि सतत विकास तभी संभव है जब समुदाय हर तरीके से सशक्त हों और उन्हें हर तरह से सहायता प्राप्त हो। यह समर्पण भविष्य के सभी प्रयासों के केंद्र में रहेगा क्योंकि समूह अपने व्यवसाय और सामाजिक दायित्वों का विस्तार करना जारी रखेगा।