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मेवात बना साइबर ठगी का नया हब; पुलिस बनकर डरा धमकाने में माहिर हैं शातिर, हर उम्र के लोग शामिल

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बीएसएनके न्यूज डेस्क/ अपराध :- हरियाणा में साइबर ठगों के गिरोह सक्रिय हैं। वहीं, भिवानी में साइबर ठगी के अधिकतर मामलों के तार मेवात और इसके आसपास से जुड़े हैं। जो पूरे देश भर में बैठे लोगों के पास वीडियो कॉल कर अश्लील क्लिप तैयार कर फिर ब्लैकमेल करते हैं।

साइबर ठगी के क्षेत्र में मेवात अब नया हब बन गया है। चार बड़े शहरों और इनके आसपास गांवों में साइबर ठगी के छोटे-छोटे गिरोह तैयार हो रहे हैं, जो लोगों के पास वीडियो कॉल कर अश्लील क्लिप बनाकर उन्हें ब्लैकमेल करने का गैरकानूनी धंधा चला रहे हैं। गूगल से फोन नंबरों को उठाकर ट्रूकॉलर एप पर इनमें ईमेल आईडी चेक की जाती है।

… फिर होती थी फोटो की अश्लील मिक्सिंग
इसके बाद ईमेल आईडी के पासवर्ड के तौर पर मोबाइल नंबर या फिर नाम के कुछ अक्षरों के जरिये उसके पासवर्ड तक भी पहुंच जाते हैं और फिर ईमेल में सेंधमारी कर निजी फोटो और डाटा उठाकर उसकी अश्लील वीडियो के साथ मिक्सिंग बनाकर फिर ब्लैकमेलिंग का खेल शुरू कर देते हैं। शातिर ठग पैसे ऐंठने के लिए यूट्यूबर और पुलिस बनकर भी डराने धमकाने में माहिर हैं। ज्यादातर लोग तो बदनामी के डर से पुलिस तक शिकायत लेकर भी नहीं पहुंच रहे हैं।

भरतपुर, अलवर, नूंह, मथुरा के आसपास सक्रिय हो रहे हैं लगातार साइबर ठग
कभी पशु क्रूरता और तस्करी में सबसे आगे रहने वाला मेवात इलाका अब साइबर ठगी में भी माहिर हो गया है। भिवानी जिले में साइबर ठगी के अधिकतर मामलों के तार मेवात और इसके आसपास से जुड़े हैं। भरतपुर, अलवर, नूंह और मथुरा, ये ऐसे सीमांत इलाके हैं, जहां के गांवों में छोटे-छोटे साइबर ठगी के गिरोह तैयार हो चुके हैं। जो पूरे देश भर में बैठे लोगों के पास वीडियो कॉल कर अश्लील क्लिप तैयार कर फिर ब्लैकमेल करते हैं। साइबर ठग गूगल से मोबाइल नंबरों का डाटा भी चोरी करता है। ये व्हाट्सएप पर अश्लील वीडियो भेजकर दिमागी तौर पर भी व्यक्ति को काफी प्रताड़ित और डरा धमकाकर मजबूर कर देते हैं, जिससे वे आसानी से इनकी डिमांड पूरी भी कर देते हैं। अधिकांश मामले लोकलाज के डर से दब जाते हैं, जिससे इन साइबर ठगों का हौंसला भी बढ़ रहा है।

चुनावी सरगर्मी में साइबर ठगों के निशाने पर राजनेता

इनदिनों कई राज्यों में चुनावी बिगुल बज चुका है और 2024 में चुनावी आगाज भी होना है। ऐसे में साइबर ठगों के निशाने पर राजनेता भी आ गए हैं। भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा क्षेत्र के सांसद चौधरी धर्मबीर सिंह के मोबाइल पर वीडियो कॉल अश्लील क्लिप चलाने का मामला सामने आने के बाद भिवानी पुलिस भी हरकत में आई और मात्र आठ घंटे के अंदर आरोपियों को पकड़ मामले का पटाक्षेप भी कर डाला। लेकिन पुलिस के सामने अब कई ऐसे राज भी खुले हैं, जिनसे इस तरह के छोटे-छोटे गिरोह फलफूल रहे हैं जो तकनीकी का गलत इस्तेमाल कर इसे ठगी का धंधा अपना रहे हैं।

हर उम्र और हर तबके के लोग गिरोह से जुड़े

साइबर ठगी करने वाले लगातार नए-नए पैंतरे अपना रहे हैं। इस तरह के गिरोह से हर उम्र और तबके के लोग जुड़े हैं, जिनका इस्तेमाल उनकी काबिलियत और दायरे के हिसाब से किया जा रहा है। अधिकांश वीडियो कॉल में फर्जी दस्तावेजों का सिमकार्ड ही इस्तेमाल होता है। एक बार इस्तेमाल फोन को कई दिन बंद रखा जाता है ताकि आरोपियों तक पुलिस न पहुंच सके। ये दूसरे राज्यों के लोगों के नाम फर्जी सिम कार्ड लाते हैं, मगर वीडियो कॉल से ब्लैकमेल अपने इलाके में ही करते हैं। इससे साइबर पुलिस के रडार पर भी ये इलाके अब आ चुके हैं।

अधिकारी के अनुसार

साइबर ठगी में भरतपुर का सीमांत या फिर मेवात का क्षेत्र ज्यादा सक्रिय हो गया है। यहां पर छोटे-छोटे गिरोह बन रहे हैं जो वीडियो कॉल के जरिए अश्लील क्लिप तैयार कर लोगों को ब्लैकमेल कर पैसे ऐंठने का काम करते हैं। सांसद धर्मबीर सिंह को वीडियो कॉल मामले में पकड़े गए आरोपियों से पता चला कि 17 राज्यों के 250 लोगों से वीडियो कॉल कर ठगी की कोशिश की गई, मगर किसी ने शिकायत पुलिस को नहीं दी। ज्यादातर मामलों में लोग लोकलाज के डर से शिकायत नहीं कर रहे हैं, ऐसा कतई न करें। प्रारंभिक तो अज्ञात वीडियो कॉल उठाने से बचें, अगर ठगी का ऐसा प्रयास किसी के साथ होता है तो वो पुलिस में अपनी शिकायत अवश्य दर्ज कराएं।