बीएसएनके न्यूज डेस्क / देहरादून। देशभर में शनिवार को महाशिवरात्रि पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। ओम नम: शिवाय…, हर-हर महादेव…, बम बम भोले…जैसे जयकारे के साथ शिवालय गूंज उठे। भगवान शिव के जलाभिषेक, दुग्ध अभिषेक व रुद्राभिषेक कार्यक्रम पूरे दिन जारी रहे। कई जगहों पर महामृत्युंजय और शिव मानस पाठ का आयोजन किया गया। इस अवसर पर पूज्य मोरारीबापू ने भी जूनागढ़ में भोलेनाथ के भक्तों के साथ भगवान शिव की पूजा अर्चना की।
पूज्य बापू ने देशवासियों को शिवरात्रि की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भगवान शिव त्रिलोकी शक्तियों में से एक हैं। वे साक्षात शक्ति के अवतार हैं। त्रिभुवन की व्यवस्था में भगवान शिव को संहार की जिम्मेदारी दी गई है। इस प्रकार भगवान शिव अधर्म पर धर्म की विजय स्थापित करने के लिए दुष्टों का नाश करते हैं और बुरी शक्तियों का नाश करते हैं।
महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। फाल्गुन चतुर्दशी तिथि को भगवान शिव ने ब्रह्मचर्य त्याग कर माता पार्वती से विवाह कर गृहस्थ जीवन में प्रवेश किया था। इसलिए उनके विवाह के उपलक्ष्य में फाल्गुन चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है।
ऐसा माना जाता है कि महाशिवरात्रि के दिन ही सभी द्वादश ज्योतिर्लिंग प्रकट हुए थे और 12 ज्योतिर्लिंगों के प्रकट होने की खुशी में भी लोग महाशिवरात्रि का पर्व भी मनाते हैं। पूज्य बापू ने सभी के वैवाहिक जीवन में सुख, शांति और समृद्धि और सभी के जीवन से कष्टों को दूर करने की कामना की।