Home क्राइम पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज, शव लेने रोहतक पहुंचे परिजन

पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज, शव लेने रोहतक पहुंचे परिजन

0

पुलिस हिरासत में फतेहाबाद के युवक हरपाल सिंह की मौत के मामले में हिसार की सदर पुलिस ने नारकोटिक्स सेल के इंस्पेक्टर पवन व उसके साथियों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया गया। सोमवार रात 11 बजे जब फतेहाबाद के विधायक दूड़ाराम ने केस दर्ज होने के बाद धरना खत्म करने की अपील की। इसके बाद मंगलवार को परिजन धरना खत्म कर शव लेने पीजीआई के डेड हाउस पहुंचे।

मृतक हरपाल की पत्नी के बयान पर हिसार की सदर पुलिस ने की कार्रवाई
पुलिस रिकार्ड के मुताबिक फतेहाबाद के सेक्टर तीन निवासी सुमन ने दी शिकायत में बताया कि एक जुलाई को उसका पति हरपाल सिंह घरेलू सामान लेने बाजार में गया था। दो घंटे बाद भी वापस नहीं आया तो चिंता हुई। दो जुलाई की सुबह हिसार की नारकोटिक्स सैल से एएसआई हेमराज का फोन आया। कहा कि हरपाल को पकड़ रखा है, वह रोहतक के अर्बन एस्टेट थाने में है। वह अपने ननदोई हिसार निवासी प्रमाेद के साथ रोहतक पहुंची।

पुलिस वालों ने उसके पति हरपाल सिंह मिलने नहीं दिया। बोला, आप कोर्ट जाओ, वहां पेश किया जाएगा। वहां भी पुलिस वालों ने मिलने नहीं दिया। चलते-चलते पति ने कहा कि 15-20 लाख का इंतजाम कर लो। नहीं तो पवन व उसके साथी तंग करेंगे। उसका पति बहुत डरा हुआ था। उसके पति ने कहा कि पवन इंस्पेक्टर व उसके साथी उसे फतेहाबाद से उठाकर रोहतक ले गए और झूठे केस में फंसा दिया। वह समय पर पैसे का इंतजाम नहीं कर सकी। उसके पति को आरोपियों ने टार्चर किया।

थर्ड डिग्री दी गई, जिससे उसके पति बेहोश हो गए। उसके पति को निजी अस्पताल में पुलिस वालों ने दाखिल करवा दिया, जहां का डॉक्टर भी उनका साथ देता रहा। उनको इसकी भनक तक नहीं लगी। उनका एक जानकारी निजी अस्पताल में गया तो उसने बताया कि हरपाल को दाखिल है। 5 जुलाई को उनको हरपाल बेहोशी की हालत में मिला। कोर्ट के आदेश पर उसे पीजीआई रोहतक में दाखिल कराया गया, जहां 31 जुलाई को उसके भाई का फोन आया कि हरपाल की मौत हो गई है। सुमन का आरोप है कि इंस्पेक्टर पवन व उसके साथियों ने पुलिस हिरासत में उसके पति को पीट-पीट कर हत्या की है। पुलिस ने इंस्पेक्टर पवन व उसके साथियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया।

मेरे बचपन का दोस्त था हरपाल सिंह
रोहतक पहुंचे पवन बिश्नोई ने बताया कि हरपाल सिंह उसके बचपन का दोस्त था। उसे वह गहराई से जानता हूं। वह इस तरह का काम नहीं कर सकता। उसे फंसाया गया है। परिवार को न्याय चाहिए।