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म्यांमार सेना और जातीय गुरिल्ला समूहों में संघर्षविराम पर सहमति, चीनी मध्यस्थता में हुआ समझौता

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बीएसएनके न्यूज डेस्क/अंतरराष्ट्रीय :-  म्यांमार की सत्तारूढ़ सैन्य परिषद के प्रवक्ता मेजर जनरल जॉ मिन तुन ने अस्थायी संघर्षविराम समझौते पर सहमति जताई। हालांकि, पूर्व में हुए समझौते का दिसंबर में दोनों पक्षों ने पालन नहीं किया।

म्यांमार की सेना और वहां के जातीय अल्पसंख्यक गुरिल्ला समूहों के गठबंधन के बीच देश के पूर्वोत्तर में जारी लड़ाई को रोकने के लिए तत्काल संघर्षविराम समझौते पर सहमति बन गई है। चीनी विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को यह जानकारी दी, जबकि म्यांमार की सैन्य सरकार ने भी इसकी पुष्टि की है।

चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा, म्यांमार सीमा से 400 किमी दूर चीन की एक प्रांतीय राजधानी कुनमिंग में चीनी मध्यस्थता में यह समझौता हुआ। उन्होंने कहा, हमें उम्मीद है कि म्यांमार में संबंधित पक्ष ईमानदारी से समझौते को लागू करेंगे, एक-दूसरे के प्रति अधिकतम संयम बरतेंगे और बातचीत तथा परामर्श के माध्यम से मुद्दों को हल करेंगे।

म्यांमार की सत्तारूढ़ सैन्य परिषद के प्रवक्ता मेजर जनरल जॉ मिन तुन ने अस्थायी संघर्षविराम समझौते पर सहमति जताई। हालांकि, पूर्व में हुए समझौते का दिसंबर में दोनों पक्षों ने पालन नहीं किया।

चीन को नुकसान नहीं पहुंचाने का वादा
चीनी प्रवक्ता ने कहा, सेना और थ्री ब्रदरहुड एलायंस (म्यांमार नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस आर्मी, तांग नेशनल लिबरेशन आर्मी तथा अराकान आर्मी) तत्काल संघर्षविराम और अपने-अपने लड़ाकों को बातचीत से हटाने पर सहमत हुए हैं। दोनों पक्षों ने सीमा क्षेत्र में रहने वाले चीनी लोगों और म्यांमार में चीनी परियोजनाओं तथा कर्मियों को नुकसान न पहुंचाने का वादा किया।