बीएसएनके न्यूज / नारायणबगड़ डेस्क। कडा़कोट पट्टी के नंदा धाम भारकोट बार भंगोटा में भूमियाल देवता के आगमन तथा नंदा देवी मंदिर के दोउघाड़ (कपाट खोलने की परंपरा) के साथ ही चार दिवसीय नंदा महोत्सव का विधिवत शुभारंभ हो गया है।
बृहस्पतिवार को भंगोटा गांव से बाजेगाजों के साथ मांगल गीत गाते हुए गांव के लोग और महिलाएं भूमियाल देवता को लेने रैंस गांव पहुंचे। रैंस गांव में भूमियाल देवता की निषाण को सजाने संवारने के बाद पुजारी अजीत सिंह रावल ने पूजा अर्चना कर भूमियाल देवता का आह्वान किया।
ढोल-दमाऊं की थाप व भंकोरों की स्वर लहरियों के बीच भूमियाल देवता के पश्वा ने अवतरित होकर नंदा धाम भारकोट बार के लिए प्रस्थान किया। बाजेगाजों तथा भूमियाल देवता और मां नंदा देवी के जयकारों के साथ भूमियाल देवता की निषाण भारकोट बार नंदा देवी मंदिर में पहुंची।भूमियाल देवता के नंदा धाम आगमन पर नंदाभक्तों ने अक्षत और पुष्प बरसाकर भूमियाल देवता की आगवानी की।
इस अवसर पर नंदा देवी के जागरी बुद्धि सिंह दानू ने अपने जागर गीतों से माहौल को नंदामय कर दिया। इस दौरान नंदा देवी मंदिर के कपाट खोलने की दोउघाड़ परंपरा पुजारियों ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ शुरू की , मां नंदा देवी के जयकारों के बीच भूमियाल देवता के पश्वा ने अवतरित होकर मंदिर के कपाट खोले।मंदिर के कपाट खुलने के साथ ही भारकोट बार में मां नंंदादेवी महोत्सव का आगाज हुआ। बृहस्पतिवार से आने वाले रविवार तक भारकोट बार मां नंदादेवी के जागरों से गुंजायमान रहेगा।
14 जुलाई को मां नंदा देवी की कैलाश विदाई के साथ नंदा महोत्सव का समापन होगा। शुक्रवार को तुनेडा़ गांव के कैली बगवान से केले के पेड़ को लाने का कार्यक्रम होगा। और इस दौरान क्षेत्र के शिक्षण संस्थाओं के द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे।
नंदा महोत्सव के पहले दिन कडा़कोट पट्टी के लोदला,बैथरा, सोलटा,डडुवागाड़,तुनेडा़, चोपता, रैंस, भंगोटा, कुश आदि गांवों से लोग बडी़ संख्या में नंदाधाम भारकोट बार मां नंदादेवी तथा भूमियाल देवता की पूजा अर्चना के लिए पहुंचे ।
रिपोर्ट – सुरेन्द्र धनेत्रा,स्थानीय संपादक