बीएसएनके न्यूज / देहरादून डेस्क। नतीजों पर टिप्पणी करते हुए, कार्यकारी निदेशक टाइटस फ्रांसिस ने कहा, इस वर्ष के दौरान कई अनर्थकारी दावों का विपरीत असर पड़ने के बावजूद “न्यू इंडिया एश्योरेंस” ने एफवाय24 में बेहतरीन नतीजे प्रदान किए हैं। वर्ष के दौरान सकल लिखित प्रीमियम 8.3% बढ़कर 41,996 करोड़ रुपये हो गया तथा कर पश्चात लाभ वर्ष के दौरान 7% बढ़कर 1,129 करोड़ रुपये दर्ज किया गया।
चौथी तिमाही के लिए पैट (कर पश्चात लाभ) दोगुने से भी ज्यादा हो गया, क्योंकि यह 128.4% बढ़कर 354 करोड़ रुपये दर्ज हुआ। सॉल्वेंसी अनुपात अच्छे-खासे 1.81 गुने पर रहा और यह कंपनी भारतीय जनरल इंश्योरेंस उद्योग में मार्केट लीडर बनी हुई है।
वर्ष के दौरान कुल हुए दावों पर अनर्थकारी दावों का प्रभाव “794 करोड़ रुपये” था। चौथी तिमाही के दौरान, नायरा का अवमूल्यन होने के चलते नाइजीरियाई परिचालन पर 110 करोड़ रुपये का क्षतिपूर्ति शुल्क लगने से भी नतीजों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा।
शुद्ध संपत्ति, एफवाय23 के 38,675 करोड़ रुपये की तुलना में बढ़कर 44,704 करोड़ रुपये हो गई। व्यक्तिगत आधार पर भी, मोटर थर्ड पार्टी हानि अनुपात में वृद्धि देखी गई, क्योंकि वर्ष के दौरान कोई प्रीमियम वृद्धि नहीं हुई। मोटर ओन डैमेज सेगमेंट के हानि अनुपात में गिरावट से इसकी थोड़ी भरपाई हुई, जिसमें कीमतों में हुए सुधार का हाथ था।
स्वास्थ्य सेगमेंट में हानि अनुपात ऊंचा बना हुआ है और अन्य क्षेत्रों में सुधारात्मक कदम उठाए जा रहे हैं। अन्य लाइनों ने काफी हद तक बढ़िया प्रदर्शन किया। भारतीय जनरल इंश्योरेंस उद्योग के पास तरक्की की दौड़ लगाने के लिए लंबा रास्ता मौजूद है और कंपनी लाभदायक विकास को आगे बढ़ाने की अपनी रणनीति जारी रखेगी।