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लाखों अफगान शरणार्थियों को निकालने पर अड़ा पाकिस्तान, विदेश में रहने वाले भारतीयों ने UN से की अपील

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बीएसएनके न्यूज डेस्क/अंतरराष्ट्रीय :- अफगानिस्तान के लोगों को पाकिस्तान से निकाले जाने की खबरों के बीच भारतीय प्रवासियों ने निर्वासन की निंदा की अपील की है। अमेरिकी संस्था- FIIDS ने 10 लाख से अधिक अफगानों के निर्वासन पर चिंता जाहिर की है।

फाउंडेशन फॉर इंडिया एंड इंडियन डायस्पोरा स्टडीज (एफआईआईडीएस) ने संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अफगानों के निर्वासन की निंदा करने की अपील की है। प्रवासी भारतीयों की संस्था- एफआईआईडीएस ने 10 लाख से अधिक अफगानों को पाकिस्तान से निर्वासित किए जाने की निंदा के साथ अफगानों को निकालने जाने की प्रक्रिया रोकने का भी आग्रह किया है।

गैरकानूनी और अंतरराष्ट्रीय मानदंड के खिलाफ
इंडियन डायस्पोरा ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की तरफ से पाकिस्तान को दी जा रही वित्तीय सहायता रोकने की भी अपील की है। अफगानिस्तान के लोगों को पाकिस्तान से निर्वासित किए जाने के संबंध में पाकिस्तान के फैसले की निंदा करते हुए फाउंडेशन फॉर इंडिया एंड इंडियन डायस्पोरा स्टडीज (एफआईआईडीएस) ने कहा कि यह गैरकानूनी और अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के खिलाफ है।

पाकिस्तान से 10 लाख लोगों को निकाले जाने की योजना
प्रवासियों की संस्था- FIIDS में रणनीति और नीति प्रमुख खंडेराव कांड ने कहा, इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ पाकिस्तान, क्रूर तालिबानी शासन के दबाव में भागे अफगान शरणार्थियों को जबरन निर्वासित कर रहा है। देश से लगभग 10 लाख लोगों को निकाले जाने की योजना अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत अवैध है। इससे बड़े पैमाने पर मानवीय संकट भी पैदा हो सकता है।

तालिबान पर पाकिस्तान की पकड़ कमजोर
उन्होंने कहा, ”ओसामा बिन लादेन के समय से ही यह पता था कि पाकिस्तान तालिबान के साथ मिलकर काम करता था क्योंकि वह अफगानिस्तान पर पकड़ बनाने का छद्म रूप है। अब पाकिस्तान तालिबान पर अपने कमजोर होते नियंत्रण से निराश दिख रहा है।”

1947 में अपने अल्पसंख्यक हिंदू और सिखों के साथ भा नाइंसाफी
एफआईआईडीएस ने कहा कि पाक अफगान शरणार्थियों के साथ वही सब करने की कोशिश कर रहा है जो उसने 1947 में अपने अल्पसंख्यक हिंदू और सिख नागरिकों के साथ किया था। संस्था के मुताबिक अफगान विशेषज्ञों के साथ उनकी चर्चा इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि अफगान शरणार्थियों को परेशान करना और भगाना है ताकि उनकी सभी संपत्तियों की चोरी कर उसे हड़पा जा सके।

अंतरराष्ट्रीय समुदाय से निंदा करने की अपील
एफआईआईडीएस ने आईएमएफ से नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को दी जाने वाली वित्तीय सहायता बंद करने का भी आग्रह किया है। नीति प्रमुख खंडेराव कांड ने कहा कि निर्वासन जैसी गंभीर समस्या को लेकर हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इसकी निंदा करने और इसे रोकने के लिए हर संभव प्रयास करने का आग्रह करते हैं।

10 लाख अफगान शरणार्थियों का निर्वासन बेहद चिंताजनक
बता दें कि अफगान आध्यात्मिक नेता हजरत अबोबकर मोजदीदी ने कहा कि पाक से 10 लाख अफगान शरणार्थियों का निर्वासन बेहद चिंताजनक है। इससे व्यापक पैमाने पर मानवीय संकट पैदा हो सकता है, खासकर आने वाली कड़ाके की ठंड को देखते हुए परेशानी बेहद गंभीर है।

निर्दोष अफगान नागरिकों के खिलाफ ताकत का इस्तेमाल न करें
FIIDS ने कहा, हम पाकिस्तान सरकार से अफगान शरणार्थियों की प्रभावी और सम्मानजनक पुनर्वास प्रक्रिया सुनिश्चित करने की अपील करते हैं। संस्था ने निर्दोष अफगान नागरिकों के खिलाफ अनावश्यक बल और हिंसा का उपयोग करने से परहेज करने के लिए अंतरराष्ट्रीय मानवीय संगठनों के साथ काम करने का आग्रह भी किया।”

पाकिस्तान को वित्तीय और सैन्य मदद पर रोक की अपील
एफआईआईडीएस विश्लेषक प्रिया कुलकर्णी के मुताबिक सोशल मीडिया पर बताया गया है कि हजारों अफगान सीमा पर आ रहे हैं लेकिन सीमा पर उन्हें परेशान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान अफगानों के जबरन निर्वासन की योजना पर आगे बढ़ता है तो FIIDS मानवीय संकट को लेकर बेहद चिंतित है। संस्था ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से पाकिस्तान को दी जा रही किसी भी वित्तीय और सैन्य सहायता को रोकने का आह्वान किया है।