बीएसएनके न्यूज डेस्क/ अपराध :- पुलिस की जांच में प्राइवेट एंबुलेंस-मरीज माफिया के गठजोड़ उजागर होने के साथ ही एक-एक कड़ी खुलकर सामने आई। दरअसल, पुलिस की जांच में सामने आया है कि मरीजों को बेहतर इलाज के नाम पर मेडिकल कॉलेज से बेचा जा रहा है। इस धंधे में शामिल लोग लग्जरी कार और कोठी के मालिक भी बन गए हैं।
बीआरडी मेडिकल कॉलेज में मरीजों की खरीद-फरोख्त का धंधा बेखौफ चल रहा है। पुलिस ने धरपकड़ तेज की तो अब मेडिकल कॉलेज प्रशासन भी हरकत में आया है। परिसर में मरीज को निजी अस्पताल में पहुंचाने के लिए तीमारदार को झांसा देते पकड़े गए सरकारी एंबुलेंस के दो संविदा कर्मियों की सेवा समाप्त हो गई है। इससे बीआरडी परिसर में हड़कंप मच गया है, लेकिन अभी भी मरीज-एंबुलेंस माफिया पकड़ से दूर हैं। पुलिस अब उन पर भी शिकंजा कसने की तैयारी में है।
मेडिकल कॉलेज परिसर में घूम रहे दलाल अक्सर ही मजबूर मरीजों के तीमारदार को बहकाकर उन्हें निजी अस्पताल भेज देते हैं। इस धंधे को रोकने के लिए पुलिस ने अपनी ओर से आठ सीसीटीवी कैमरे लगवाए हैं, इसी की मदद से पुलिस कार्रवाई कर रही है और एंबुलेंस को सीज भी किया जा रहा है। पहली बार मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने एक मामला पकड़ा है।
पुलिस की जांच में प्राइवेट एंबुलेंस-मरीज माफिया के गठजोड़ उजागर होने के साथ ही एक-एक कड़ी खुलकर सामने आई। दरअसल, पुलिस की जांच में सामने आया है कि मरीजों को बेहतर इलाज के नाम पर मेडिकल कॉलेज से बेचा जा रहा है। इस धंधे में शामिल लोग लग्जरी कार और कोठी के मालिक भी बन गए हैं। पुलिस अब सभी माफिया के बारे में सूचनाएं जुटा रही है। जल्द ही कुछ दबोचे जा सकते हैं।