बीएसएनके न्यूज / नारायणबगड़, चमोली डेस्क। पंती और रठिया गांव के ऊपरी हिस्से में बादल फटने से पानी और बोल्डरों के भारी उफान को देखकर लोगों ने अफरातफरी और भय के साए में रतजगा कर रात गुजारी।
शुक्रवार देर रात लगभग दस बजे पंती क्षेत्र के रठिया के ऊपर टाला तोक के जंगल में बादल फटने से निचले हिस्सों में भारी तबाही हुई जिसमें रठिया मल्ला,जखवालकोट और पंती क्षेत्र में लोगों की खड़ी फसलों के खेत बड़ी संख्या में बहकर जमींदोज हो गये यहीं नहीं बादल फटने से ग्राम पंचायत मींग,ग्राम पंचायत विनायक, रठिया, पाली, बिरमालगांव,आदि गांवों की पेयजल लाइन बहने से पानी की आपूर्ति भी बुरी तरह ध्वस्त हो गई है। इस क्षेत्र में रठिया पाली और कौब आदि गांवों को जोड़ने वाली तीन पुलिया भी बादल फटने के चलते बाढ़ की भेंट चढ़ गए हैं।
कल देर रात हुई बादल फटने की घटना में पंती क्षेत्र में लोगों के घरों में मलवा पसर गया और एक भैंस भी गोशाला में मलवे में दब गई जिसे गंभीर चोटें आई हैं। यहीं पर कुंवर टैंट हाउस का गोदाम के बाहर रखा 7 केजी का जैनरेटर भी बह गया है। रठिया मल्ला जखवालकोट और पंती क्षेत्र में काश्तकारों की खड़ी फसलों के खेत भी बाढ़ की चपेट में आकर बह गए हैं जिस कारण काश्तकारों में मायूसी छाई हुई है।
पंती बाजार क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग और लोगों की दुकानों में भी मलवा पसरा जिसमें उनके सामाग्रियों को भी भारी क्षति हुई है तो यहीं पर उत्तराखंड पावर कारपोरेशन का उप वितरण खंड के परिसर में भी मलवा पत्थर घुसने से वितरण खंड का स्विचयार्ड, सुरक्षा रेलिंग,और बाहर रखे कई ट्रांसफार्मर, मीटरों की पेटियां व विजल वायर मलवे से दबकर तबाह हो गए। सबसे अच्छी बड़ी बात यह रही कि विद्युत वितरण खंड के बारह कार्यालय के समीप बने टीन सेड में विद्युत विभाग के ठेकेदार के मजदूर सोने की तैयारी कर ही रहे थे कि इतने में ऊपर से बहकर आ रहा मलवा पत्थर उनके सिर पर मौत बनकर मंडराने ही वाली थी कि मजदूर सैकेंडों के अंतर से कमरे से बाहर भागने में सफल रहे हालांकि मजदूरों का सारा कुछ कमरे में छूट जाने से मलवे में बह गए।
शुक्रवार रात्रि को हुए घटना की खबर सुनते ही नारायणबगड़ आदि क्षेत्रों से बड़ी संख्या में लोगों का आना-जाना लगा रहा और इस बीच प्रशासन के लोग भी मौजूद रहे। घटना से पंती हंसकोटी मोटर मार्ग भी लगभग पांच सौ मीटर पूरी तरह वाश आउट होकर रह गई जिससे क्षेत्र की यातायात व्यवस्था चरमरा गई है इस कारण प्रशासन को भी ऊपरी गांवों में जाने के लिए काफी पैदल चलना पड़ रहा है।
बताते चलें कि इस क्षेत्र में यह तीसरी बार बादल फटने की घटना हुई है पिछले 2022 में भी बड़ा बादल फटने की घटना हुई थी तब भी बहुत नुक्सान यहां पर हुआ था। अब तीसरी बार बादल फटने की घटना से लोग एक बार फिर से दहशत में हैं।पंती में वैल्डिंग का वर्कशॉप संचालक बीरेंद्र कुमार और सुधीर सिंह के तैयार सामाग्रियां एवं कच्ची सामग्रियां मलवे में दबकर तहस-नहस हो गये हैं।
उपजिलाधिकारी धराली अबरार अहमद ने घटनास्थल पर पहुंच कर मय राजस्व टीम के साथ स्थलीय जायजा लिया और राज्स्व कर्मियों को क्षेत्र में हुए नुकसान का स्थलीय निरीक्षण करने के लिए रवाना किया। उपजिलाधिकारी ने कहा कि बरसात के समय सभी को बहुत ही सतर्क रहने की जरूरत है जिससे बड़ी अनहोनी होने से रोका जा सके।
स्थानीय लोगों ने प्रशासन से पंती गधेरे के दोनों ओर मजबूत सुरक्षा दीवालों के निर्माण किए जाने और लोगों को हुए नुकसान की भरपाई करने की बात उपजिलाधिकारी से कही। उपजिलाधिकारी ने कहा कि गधेरे के दोनों ओर सुरक्षा दीवालों के निर्माण के लिए उच्चाधिकारियों एवं संबंधित विभागों को पत्र लिखा जाएगा और आपदाग्रस्त पूरे क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण करने के बाद पात्र प्रभावितों को नियमानुसार मदद की जाएगी।
रिपोर्ट – सुरेन्द्र धनेत्रा,स्थानीय संपादक