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गौला नदी में खनन को लेकर सियासी घमासान: भाजपा-कांग्रेस के बीच वार-पलटवार, राज्य सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

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बीएसएनके न्यूज डेस्क/ राजनीतिक :- गौला नदी में खनन को लेकर सियासी घमासान मचा हुआ है। कांग्रेस और भाजपा की ओर से वार-पलटवार का दौर चल रहा है। खनन कार्य से जुड़े वाहन स्वामियों का आरोप है कि राज्य सरकार गौला नदी में खनन को निजी हाथों में सौंपने जा रही है।

सोमवार को हल्द्वानी से कांग्रेस विधायक सुमित हृदयेश ने प्रेस कांफ्रेंस कर वाहन स्वामियों का समर्थन कर दिया। साथ ही सरकार पर भी कई गंभीर आरोप लगाए। शाम होते-होते भाजपा सरकार और संगठन की ओर से वाहन स्वामियों और कांग्रेस विधायक के आरोपों को सिरे से खारिज किया गया।

विधायक सुमित हृदयेश ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार गौला नदी का निजीकरण कर प्राइवेट संस्था, व्यक्ति को फायदा पहुंचाना चाह रही है। सरकार पूरी तरह भ्रष्टाचार में डूबी हुई है। कांग्रेस पार्टी इसका पुरजोर विरोध करेगी।

पत्रकारों से वार्ता में सुमित कहा कि पूर्व में गौला का खनन निजी हाथों में था। तब हल्द्वानी में गुंडाराज था और इस वजह से हर साल कई हत्याएं होती थीं। बाद में तत्कालीन मुख्यमंत्री एनडी तिवारी ने गौला नदी में खनन का जिम्मा वन निगम को सौंपा जिससे गुंडागर्दी खत्म हुई। सरकार फिर से गुंडाराज का दौर लाने का काम कर रही है।

कहा कि वाहनों की फिटनेस निजी हाथों में दे दी गई। एक वाहन की फिटनेस में चार हजार रुपये खर्च होते थे तो अब यह खर्चा 15 हजार रुपये हो गया है। गौला सेसरकार को भारी राजस्व मिलता है लेकिन अब राज्य सरकार वन विभाग के हाथों से रॉयल्टी काटने का काम निजी कंपनी को दे रही हैं।

खाई पानी की कसम
विधायक सुमित ने कहा कि हम नदी के पानी की कसम खाकर कहते हैं कि कि नदी का निजीकरण नहीं होने देंगे। कांग्रेस सभी वाहन स्वामियों के साथ है। वाहन स्वामी जहां भी प्रदर्शन करेंगे, कांग्रेस उनका साथ देगी।

झूठ बोल रहे हैं कांग्रेस विधायक: भाजपा
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता विकास भगत ने कहा कि हल्द्वानी विधायक सुमित का सरकार पर गौला को निजी हाथों में देने का आरोप सरासर निराधार है। वह झूठ बोलकर जनता को गुमराह कर रहे हैं। गौला नदी में खनन पहले की तरह वन विकास निगम ही करवाएगा। रवन्ना भी वन विकास निगम ही जारी करेगा।

बयान में कहा कि सरकार का लक्ष्य सिर्फ अवैध खनन रोककर राजस्व बढ़ाना और ओवरलोडिंग रोकना है। जिसके लिए सरकार निजी एजेंसी को सड़क पर रवन्ना जांच करने का अधिकार देगी। ऑटोमेटिक फिटनेस टेस्टिंग लेन के विषय में बोलने वालों को यह नहीं पता कि उनकी ही कांग्रेस सरकार ने राजस्थान में सबसे पहले यह व्यवस्था लागू की।