बीएसएनके न्यूज डेस्क/ अपराध :- हत्या के दूसरे दिन बुधवार को पोस्टमार्टम के बाद जब शव घर पहुंचा तो परिजन शव का अंतिम संस्कार न करने पर अड़ गए। परिजनों और ग्रामीणों का कहना है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं हो जातीं तब तक वह शव का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे।
प्रतापगढ़ नगर कोतवाली के बगेसरा के रहने वाले सपा कार्यकर्ता दीपक यादव उर्फ अजय (26) की हत्या के बाद इलाके में तनाव व्याप्त हो गया है। हत्या के दूसरे दिन बुधवार को पोस्टमार्टम के बाद जब शव घर पहुंचा तो परिजन शव का अंतिम संस्कार न करने पर अड़ गए। परिजनों और ग्रामीणों का कहना है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं हो जातीं तब तक वह शव का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। आक्रोशित परिजन डीएम और एसपी को मौके पर बुलाने पर अड़ गए हैं।
एसडीएम और सीओ ने समझाने का प्रयास किया, लेकिन वह मानने के लिए तैयार नहीं हुए। परिजनों का कहना है कि जब तक आरोपियों का घर बुलडोजर से ढहाया जाए। घटना के बाद इलाके में तनाव व्याप्त हो गया है। आरोपियों को अभी तक पकड़ा नहीं जा सका है। बुधवार को सुबह पोस्टमार्टम के बाद शव पहुंचा तो परिवार में कोहराम मच गया। बड़ी संख्या में ग्रामीण जुट गए और शव को घर के सामने रखकर बैठ गए। उनका कहना है कि जब उनकी मांगे पूरी की जाएंगी तभी वह शव का अंतिम संस्कार करेंगे।
परिजनों ने प्रशासन को 12 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा है। इसमें मृतक दीपक यादव की पत्नी और बच्चों को कम से कम एक करोड़ रुपया मुआवजा देने, दीपक की पत्नी को एक सरकारी नौकरी दिलाई जाए, आश्रितों को जान माल की सुरक्षा के लिए शस्त्र लाइसेंस दिया जाए, पृथ्वीगंज पुलिस चौकी पर तैनात पूरे स्टाफ को बर्खास्त किया जाए, आरोपियों का घर बुलडोजर से ध्वस्त किया जाए, घटना की सीबीआई जांच कराई जाए, मुकदमा फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाया जाए, मृतक दीपक की विधवा बुआ की पांच साल की बच्ची को 25 लाख मुआवजा दिया जाए, दीपक की पत्नी और बच्चों को आजीवन मुआवजा दिया जाए, चौकी इंचार्ज सहित अन्य दोषी पुलिसकर्मियों पर एफआईआर हो, मृतक की पत्नी को हाईवे पर कम से कम 10 बिस्वा आवासीय भूमि और एक बीघा कृषि योग्य भूमि दिया जाए साथ ही दीपक की पत्नी को हाईवे पर आवास दिलाया जाए।
दीपक यादव की शादी अमृता यादव से हुई थी। तीन बच्चे दीपांश (7), मंट (5) और सूर्यांश (4) वर्ष हैं। दीपक तीन भाई थे। उमाशंकर बड़ा और रमाशंकर छोटा भाई था। पांच बहने हैं।
मृतक दीपक यादव की पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है।