बीएसएनके न्यूज डेस्क / देहरादून। भारतीय शास्त्रीय संगीत, नृत्य और संस्कृति को बढ़ावा देने वाली गैर-लाभकारी संस्था, स्पिक मैके, द्वारा आज एक महीने तक चलने वाले ‘स्पिक मैके फेस्ट’ की शुरुआत हुई। स्पिक मैके फेस्ट के पहले कलाकार पंडित बृज नारायण ने आज देहरादून के एमकेपी पीजी कॉलेज में सरोद पर एक मंत्रमुग्ध कर देने वाला व्याख्यान दिया। उनके साथ तबले पर शुभ महाराज ने संगत की।
मशहूर सरोद वादक पंडित बृज नारायण ने भारतीय शास्त्रीय संगीत की भावपूर्ण प्रस्तुति से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम की शुरुआत कॉलेज के अधिकारियों और कार्यक्रम के आयोजकों द्वारा कलाकार के स्वागत के साथ हुई। सरोद पर कलाकार की प्रतिभा को देखकर दर्शक, जिनमें छात्र, शिक्षक और संगीत प्रेमी शामिल थे, रोमांचित हो गए।
इस अवसर पर बोलते हुए, पं. बृज नारायण ने कहा, “हमारा भारतीय शास्त्रीय संगीत दुनिया के सर्वश्रेष्ठ संगीत रूपों में से एक माना जाता है। इसमें इतनी अनूठी विशेषताएं हैं कि आज पूरी दुनिया हमारे शास्त्रीय संगीत से सीखती है। जैसे हमारे शरीर के रक्तचाप और तापमान दिन के अलग-अलग समय में अलग-अलग होते हैं, ठीक उसी तरह हमारे भारतीय शास्त्रीय संगीत में विभिन्न राग होते हैं जो दिन के अलग-अलग समय के अनुरूप होते हैं। अंत में, मैं बस यह चाहता हूँ कि आज यहां मौजूद सभी युवा हमारी विशाल भारतीय संस्कृति की समृद्ध विरासत के बारे में जानें और दुनिया में जागरूकता फैलाएं।
अपनी प्रस्तुति के दौरान पं. बृज नारायण ने भक्ति रस में शुद्ध सारंग राग बजाया। उन्होंने दर्शकों को उन विभिन्न रागों के बारे में भी बताया जो दोपहर के समय में बजाये जाते हैं, और शुद्ध सारंग राग एक ऐसा राग है जो एक मजबूत और स्थायी प्रभाव पैदा करता है। विश्व प्रसिद्ध सारंगी वादक पंडित राम नारायण के ज्येष्ठ पुत्र और शिष्य बृज नारायण का जन्म वर्ष 1952 में उदयपुर, राजस्थान में हुआ था।
पं. बृज नारायण को कई सांस्कृतिक संगठनों द्वारा सम्मानित किया गया है जिनमें सबसे नवीनतम केली महोत्सव द्वारा सुधांशु पुरस्कार 2008 है। उनको ऑल इंडिया रेडियो -1967 में प्रथम स्थान के लिए राष्ट्रपति स्वर्ण पदक से भी नवाज़ा गया है। वर्तमान में, वह हिमाचल प्रदेश में अकाल अकादमी के अध्यक्ष हैं, जहाँ वे युवा छात्रों को कई वाद्य यंत्र सिखाते हैं।
कार्यक्रम के दर्शकों में से एक, ऋतू ने कहा, “एमकेपी पीजी कॉलेज में पं बृज नारायण द्वारा सरोद प्रदर्शन एक शानदार कार्यक्रम रहा जिसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। ऐसे कार्यक्रम भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और उनको बढ़ावा देने वाले स्पिक मेके जैसे संगठनों का एक प्रमाण है।
अपने सर्किट के दौरान, उन्होंने होपटाउन गर्ल्स स्कूल में भी प्रदर्शन किया। वह 13 अप्रैल को माउंट फोर्ट स्कूल और दून स्कूल में भी प्रस्तुति देंगे। महीने भर चलने वाले स्पिक मैके फेस्ट में अन्य कलाकारों में लक्ष्मी पार्थसारथी, अनुप्रिया देवताले, उमा शर्मा, ए कन्याकुमारी, कपिला वेणु और रघुनंदन पंशिकर शामिल हैं।