बीएसएनके न्यूज / देहरादून डेस्क। जहां आज की युवा पीढ़ी मोबाइल और वीडियो गेम्स में मशगूल है, वहीं कक्षा आठ में पढ़ने वाला एक बालक शौर्य रावत कुछ अलग कर दिखाने की ठान चुका है।
महज 12 वर्षीय शौर्य ने अपनी साइकिल पर सवार होकर 03.06.2025 को उत्तराखंड के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल केदारनाथ धाम की कठिन यात्रा साईकिल से पूरी कर सभी को हैरत में डाल दिया है।
शौर्य रावत एक साधारण छात्र है, लेकिन उसकी सोच और संकल्प असाधारण हैं। साइकिलिंग उसकी हॉबी है, लेकिन उसने इस शौक को जुनून में बदला और उसे आत्ममोटिवेशन के ज़रिए एक नई ऊँचाई तक पहुँचाया।
शौर्य की यह यात्रा केवल एक तीर्थ यात्रा नहीं थी, बल्कि आत्मविश्वास, धैर्य और साहस का प्रतीक बन गई।
कठिन चढ़ाई, बदलता मौसम, ऊँचाई और थकान – ये सब भी शौर्य के हौसले को डिगा नहीं पाए। उसने दिन-रात मेहनत कर खुद को मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार किया और बिना किसी बाहरी सहायता के इस कठिन यात्रा को सफल बनाया।
शौर्य रावत कहते हैं, “अगर मन में ठान लो, तो कोई भी रास्ता मुश्किल नहीं होता। मैंने खुद को प्रेरित किया और ये साबित किया कि उम्र सिर्फ एक संख्या है।
शौर्य की इस उपलब्धि से न केवल उसके परिवार और स्कूल को गर्व है, बल्कि वह अब युवा पीढ़ी के लिए एक मिसाल बन गया है। उसकी यह यात्रा यह दर्शाती है कि सही दिशा और आत्म-प्रेरणा से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।
अब शौर्य रावत का अगला सपना है कि वह और भी बड़े सफर तय करे और पर्यावरण व स्वास्थ्य के प्रति लोगों को जागरूक करें।
शौर्य रावत की इस सफल यात्रा पर स्थानीय सामाजिक संस्था क्षेत्रीय विकास एवं समाजोंत्थान समिति अपर गढ़वाली कॉलोनी द्वारा भाजपा नेता एवं राज्य आंदोलनकारी रविन्द्र जुगरान के हाथों शौर्य रावत को सम्मानित किया।
शौर्य रावत की यह यात्रा बताती है –”छोटे कदम भी बड़े मुकाम हासिल कर सकते हैं, बस जज़्बा और सच्ची लगन होनी चाहिए।”

Author: BSNK NEWS
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