Home उत्तराखण्ड विधि विधान से तीर्थयात्रियों के लिए खुले बदरीनाथ धाम के कपाट

विधि विधान से तीर्थयात्रियों के लिए खुले बदरीनाथ धाम के कपाट

बीएसएनके न्यूज डेस्क / देहरादून। बदरीनाथ धाम के कपाट विधि विधान के साथ रविवार प्रातः श्रद्धालुओं के लिए खुल गए। 15 हजार से अधिक भक्तों ने कपाट खुलने के साथ ही भगवान बदरीनाथ के दर्शन किए। इसके साथ ही चारों धाम अब श्रद्धालुओं के लिए खोले जा चुके हैं। चारधाम यात्रा के लिए अभी तक 09 लाख से अधिक तीर्थयात्री रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं।

ग्रीष्मकाल के छह माह अब तीर्थयात्री भगवान बद्री विशाल के दर्शन व पूजा अर्चना बदरीनाथ मंदिर में कर सकेंगे। बदरीनाथ धाम के कपाट खोलने की प्रक्रिया रविवार प्रातः चार बजे से शुरू हई। इस अवसर पर बदरीनाथ मंदिर की भव्य सजावट की गई। सेना के बैंड की भक्तिमय धुन व लय बद्री विशाल के जयकारों के साथ देश-विदेश से आए हजारों तीर्थयात्री कपाट खुलने के साक्षी बने। मंदिर में पहली पूजा माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नाम से हुई।

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने चारधाम के लिए उत्तराखण्ड आने वाले तीर्थयात्रियों का स्वागत करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार तीर्थयात्रियों के स्वागत के लिए तत्पर है। श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ उत्तराखण्ड चारधाम यात्रा का पूर्ण रूप से संचालन होगा। तीर्थयात्रियों को सभी सुविधाएं आसानी से मिल सकें, इसके लिए विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर ने कहा कि चारधाम यात्रा की पल-पल की जानकारी ली जा रही है। संबंधित विभाग से समन्वय बना यात्रा को सरल और सफल बनाया जा रहा है। Tourist Care Uttarakhand नामक दो मोबाइल एप ( एंड्रॉयड तथा ios) और एक पोर्टल registrationandtouristcare.uk.gov.in के माध्यम से तीर्थयात्री ऑनलाइन पंजीकरण कर रहे हैं। जबकि ऑफलाइन पंजीकरण की भी विभिन्न स्थानों पर व्यवस्था की गई है। इसके लिए पर्यटन विभाग परिवहन विभाग के साथ पूर्ण समन्वय बना कर वाहनों की जानकारी टूरिस्ट सेफ्टी मैनेजमेंट सिस्टम (टीएसएमएस) के साथ साझा की जा रही है।

उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद (यूटीडीबी) में बने कॉल सेंटर के टोल फ्री नंबर 1364 ( अन्य राज्यों से 01351364) के माध्यम से यात्रियों को चार धाम यात्रा एवं पंजीकरण की पूर्ण जानकारी दी जा रही है तथा उनसे प्राप्त होने वाली शिकायतों को संबंधित विभाग को प्रेषित कर जरूरी कार्यवाही की जा रही है।