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तीन दिवसीय श्री महामृत्युंजय श्रावणी मेले का रंगारंग कार्यक्रमों के साथ धूमधाम से हुआ संपन्न

बीएसएनके न्यूज डेस्क / नारायणबगड़,चमोली। विगत वर्षों सन् 2007 से चमोली जिले के असेड सिमली के जखोलीसैण में सावन के महीने में आयोजित होने वाला तीन दिवसीय सुप्रसिद्ध श्री महामृत्युंजय श्रावणी पर्यावरण पर्यटन एवं सांस्कृतिक मेला आज भव्य रूप से संपन्न हुआ। हालांकि यह मेला विगत दो सालों से कोविड के कारण स्थगित रहा था। लेकिन इस बार पुनः यह मेला अपने पुराने दिनों को भव्य स्वरूप में में आयोजित किया गया।

जिसमें संस्कृति विभाग की सांस्कृतिक टीमों, स्थानीय महिला मंगल दलों, स्कूली छात्र छात्राओं और सुप्रसिद्ध लोक गायकों एवं लोक कलाकारों ने बड़ी संख्या में प्रतिभाग कर मेलार्थियों का खूब मनोरंजन किया। इसके साथ मेले में खेल प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया गया जिनमें वालीबाल और कैरम टूर्नामेंट कराए गए। खेल प्रतियोगिताओं में भी खिलाड़ियों ने जमकर भाग लिया। पर्यावरण पर्यटन एवं संस्कृति के लिए समर्पित यह मेला इस क्षेत्र के लिए रोजगार और सौहार्द भी लेकर आता है।मेले का उद्घाटन ब्लाक प्रमुख ने किया।

स्वतंत्रता दिवस पर उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी भराड़ीसैंण गैरसैंण में ध्वजारोहण के लिए मुख्यमंत्री के साथ कार्यक्रम में रहने के कारण स्थानीय विधायक भूपालराम टम्टा कुछ देर से मेले में शिरकत कर पाए। मेले में पहुंचने पर मेला समिति के पदाधिकारियों ने फूल मालाओं से उनका स्वागत किया।

मेले के समापन पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी के प्रतिनिधि के तौर पर बतौर मुख्य अतिथि सुरेन्द्र सिंह कनेरी ने रीबन काटकर समापन समारोह का आगाज किया। इस अवसर पर अति विशिष्ट अतिथि जिला पंचायत उपाध्यक्ष लक्ष्मण सिंह रावत भी मौजूद रहे। मेले में लोक गीतों, लोकनृत्य की प्रतियोगिताएं भी रखी गई थी।

जिसमें लोकगीत में 50 अंकों के साथ सणकोट गांव की महिला मंगल दल ने प्रथम स्थान प्राप्त किया और 49 अंकों के साथ महिला मंगल दल सिमली दूसरे स्थान पर रहीं।किसनसिंह दानू के नेतृत्व मेले में शिरकत करने वाली सांस्कृतिक टीम हिमालयन कल्चर समिति के कलाकारों ने एक से बढ़कर शानदार प्रस्तुतियां देकर दर्शकों का मन मोहा तो उनके रंगारंग कार्यक्रमों के लिए देर तक तालियां बजती रही।

लोकनृत्य में 20 टीमों ने भाग लिया जिसमें 43 अंकों के साथ महामृत्युंजय महादेव मंदिर समिति ने बाजी मारकर प्रथम स्थान प्राप्त किया जबकि 42 अंकों लेकर सणकोट गांव दूसरे स्थान पर रहे और तीसरे स्थान पर 39 अंक नाखोली महिला मंगल दल रहीं। वालीबाल प्रतियोगिता में 20 टीमों ने हिस्सा लिया था इसमें सोल पट्टी के बूंगा के खिलाड़ियों ने प्रथम स्थान प्राप्त किया जबकि दूसरे स्थान पर रैंगांव रहा। दूसरी ओर कैरम प्रतियोगिता में 50 टीमों ने प्रतिभाग किया जिसमें मन्नू सिनवाल और पावन रौतेला प्रथम पर पर रहे।सभी तरह की प्रतियोगिताओं के विजेता और उपविजेताओं को मुख्य अतिथियों ने मेडल व स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।

बताते चलें कि यह मेला राजकीय स्तर पर आयोजित होने वाला मेला है और उपजिलाधिकारी बतौर मेलाधिकारी नामित होते हैं इसके बावजूद सरकारी महकमों ने इस मेले में अपने स्टाल आदि लगाने अथवा सहयोग देने में बहुत ही उदासीनता दिखाई और स्वयं मेलाधिकारी भी इस मेले से नदारद रहे जिस कारण मेला समिति और क्षेत्रीय जनता में भारी आक्रोश बना हुआ है ।मेला समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि मेलाधिकारी सहित सभी सरकारी महकमों की मेले के प्रति उदासीनता की मुख्यमंत्री पोर्टल पर मजबूत शिकायत की जायेगी ताकि सरकारी आदेशों का अनुपालन नहीं करने वाले अधिकारियों को कुछ सबक मिल सके।

इस अवसर पर मेला समिति के संरक्षक माहेश्वरी देवी,अध्यक्ष हरेंद्र सिंह बुटोला,सांस्कृतिक सचिव देवेंद्र देवी बुटोला,भगतसिंह बुटोला, पृथ्वी बुटोला,भरत मिंगवाल, नरेंद्र,महिपाल,अशोक,खेल प्रभारी प्रमोद बुटोला, पूर्व प्रधान सरस्वती देवी, गुड़ी देवी,गोदाम्बरी देवी,नंदन बूटोला,कर्णसिंह चौधरी, बीरेंद्र सिंह बुटोला, संजूबाबा रावत, जयवीर बुटोला आदि उपस्थित रहे।मेले का संचालन मेला समिति के सचिव जयपाल सिंह बुटोला, राजेन्द्र सिंह बूटोला एवं चंद्रसिंह नेगी ने संयुक्त रूप से किया।

रिपोर्ट – सुरेन्द्र धनेत्रा,स्थानीय संपादक