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केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम मेंआईआईटी मद्रास का चार वर्षीय बैचलर ऑफ साइंस कोर्स किया लॉन्च

बीएसएनके न्यूज डेस्क / देहरादून। भारत के शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास (आईआईटी मद्रास) का चार वर्षीय ऑनलाइन बैचलर ऑफ साइंस (बीएस) कोर्स लॉन्च किया (https://study.iitm.ac.in/es/)
प्रोग्राम का उद्देश्यभारत में इलेक्ट्रॉनिक्स और एम्बेडेड उत्पादन के क्षेत्र में कौशल प्राप्त ग्रैजुएट की आवश्यकता और बढ़ती मांग पूरी करना है। इसमें कई बार प्रोग्राम से बाहर निकलने का विकल्प है और विद्यार्थी फाउंडेशन लेवेल का सर्टिफिकेट, डिप्लोमा या फिर बीएस डिग्री प्राप्त कर सकते हैं।

भारतीय सेमीकंडक्टर मिशन के अनुरूप है जो भारत को इलेक्ट्रॉनिक्स के उत्पादन और डिजाइन का वैश्विक केंद्र बनाने में योगदान देगा। डेटा साइंस और एप्लिकेशन में बीएस डिग्री शुरू करने के बाद आईआईटी मद्रास का यह दूसरा ऑनलाइन बीएस प्रोग्राम है। पूर्व के प्रोग्राम में आज 17,000 से अधिक विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं।

इस अवसर पर के संजय मूर्ति, सचिव, उच्च शिक्षा, भारत सरकार (वर्चुअली जुड़े), डॉ. पवन के गोयनका, अध्यक्ष, बोर्ड ऑफ गवर्नर्स, आईआईटी मद्रास (वर्चुअली जुड़े), प्रोफेसर वी. कामकोटि, निदेशक, आईआईटी मद्रास, कार्यक्रम समन्वयक, इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम्स में बीएस, आईआईटी मद्रास, उद्योग प्रमुखों और अन्य फैकल्टी के अन्य सदस्यों की उपस्थिति रही।

अपने उद्घाटन संबोधन में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, ‘‘पिछले कुछ वर्षों से डेटा साइंस में बीएस कोर्स के सफल संचलान के बाद इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम्स में बीएस आईआईटी मद्रास के नाम एक और उपलब्धि है। मैं (निदेशक) प्रोफेसर वी. कामकोटि के नेतृत्व में मिली इस सफलता पर आईआईटी मद्रास को बधाई देता हूं… संस्थान ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 लागू करने का सही दृष्टिकोण अपनाया है। एनईपी के सभी सुझावों पर अमल किया गया है चाहे वे अधिक विकल्प या रोजगार देने, उद्यमिता बढ़ाने संबंधी हो। इस संरचना से क्रेडिट फ्रेमवर्क जुड़ा है। कई बार प्रवेश और निकास का विकल्प और सबसे बढ़ कर गुणवत्ता और व्यापक पहुंच देने के साथ भारतीय उच्च शिक्षा व्यवस्था को सस्ता बनाने का लक्ष्य बीएस इन इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम्स में पूरा होता है।

धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, “हम माननीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदीजी के आवाहन पर सामूहिक प्रयाससे एक नई जगह बना रहे हैं। मुझे यह विश्वास है और इसकी खुशी और गर्व है कि आईआईटी मद्रास के निदेशक हमेशा भविष्य द्रष्टा रहे हैं। इस साल के बजट में भी डिजिटल इकोसिस्टम के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता दिखती है… यह कोर्स अन्य सभी महत्वपूर्ण संस्थानों और उद्योग जगत के लिए भी एक नया मानक बनने जा रहा है।’’
आईआईटी का मिशन सभी के लिए अच्छी शिक्षा सुलभ बनाना है। इसे पूरा करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम में बीएस प्रोग्राम का शुल्क बहुत कम रखा गया है। अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/पीडब्ल्यूडी कैटेगरी और रुपये 5 लाख प्रति वर्ष से कम आय वाले पारिवारों के विद्यार्थियों को स्कॉलरशिप भी दिया जाएगा।

इस प्रोग्राम के गैजुएट ऑटोमोटिव, सेमीकंडक्टर और रक्षा जैसे उद्योगों में विभिन्न पदों पर नियुक्ति प्राप्त कर सकते हैं जैसे

  • इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम डिजाइनर
  •  एंबेडेड सिस्टम डेवलपर
  • इलेक्ट्रॉनिक हार्डवेयर विशेषज्ञ
  • सिस्टम टेस्टिंग इंजीनियर
  • इलेक्ट्रॉनिक्स रिसर्च इंजीनियर

यह विशिष्ट प्रोग्राम तैयार करने के लिए आईआईटी मद्रास को बधाई देते हुएआईआईटी मद्रास के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष डॉ. पवन के. गोयनका ने कहा, “इस बीएस प्रोग्राम की घोषणा पहली बार 2020 में की गई थी और डेटा विज्ञान में बीएस के साथ यह लॉन्च किया गया था। वर्तमान में नामांकित 17,000 छात्रों के साथ यहबहुत सफल प्रोग्राम है।

प्रोग्राम की सबसे बड़ी खूबी यह है कि यह आईआईटी की उच्च स्तरीय शिक्षा आम लोगों के लिए सुलभ बनाता है जो आईआईटी में प्रवेश लेने में सक्षम नहीं हो पाते हैं।साथ ही, इस प्रोग्राम से बाहर निकलने का कई विकल्प देताहै जो अभूतपूर्वसुविधा है। किसी को चार साल की पढ़ाई पूरी करने की विवशता नहीं है। प्रवेश लेने बाद वे 1 साल, 2 साल या 4 साल बाद बाहर निकल सकते हैं।

डॉ. पवन के. गोयनका ने कहा,‘‘आज इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम्स के कोर्स की बहुत ज़रूरत है। सभी क्षेत्र इलेक्ट्रॉनिक्स पर अधिक से अधिक निर्भर होते जा रहे हैं। ऑटोमोबाइल सेक्टर को देखेंतो आप एक कार को ‘कंप्यूटर ऑन व्हील्स’ कह सकते हैं। ऑटोमोबाइल की सर्विसिंग में भी इलेक्ट्रॉनिक्स की जानकारी चाहिए। आने वाले कलको देखें तो अधिक से अधिक रोजगार इलेक्ट्रॉनिक्स में विशेषज्ञता वालों को मिलेंगे।ऐसे समय मेंयह कोर्सशुरू करना युवाओं को इलेक्ट्रॉनिक्स के प्रगतिशील क्षेत्र में सफल बनानेकी बड़ी पहल है।

बीएस (इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम्स) प्रोग्राम में किसी उम्र के उम्मीदवार प्रवेश ले सकते हैं जिनकी इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम्स में अभिरुचि हो। आवश्यक योग्यता बस इतना है कि कक्षा 12 (या समकक्ष) में गणित और भौतिकी का अध्ययन किया हो। प्रोग्राम में प्रवेश के लिए जेईई परीक्षा नहीं देनी होगी। यह चार सप्ताह की इन-बिल्ट क्वालीफायर प्रक्रिया से संभव होगा। इच्छुक उम्मीदवार के आवेदन करने पर उन्हें चार सप्ताह का कंटेंट दिया जाएगा जो आईआईटी मद्रास के फैकल्टी पढ़ाएंगे और क्वालीफायर की परीक्षा केवल इसी कंटेंट पर आधारित होगी।

आईआईटी मद्रास के निदेशक प्रो. वी. कामकोटि ने इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम प्रोग्राम में बीएस के विशिष्ट पहलुओं के बारे में बताया, ‘‘आज पूरी दुनिया में इलेक्ट्रॉनिक्स का महत्व बढ़ रहा है। मोबाइल फोन और इलेक्ट्रिक वाहन सहित मोबिलिटी सॉल्यूशन इसके बेहतरीन उदाहरण हैं। इलेक्ट्रिक वाहन मैकेनिकल वाहन की जगह ले रहे हैं। ऐसे में उद्योग की मांग पूरी करने के लिए अनुसंधान एवं विकास और क्षमता बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। इसलिए इलेक्ट्रॉनिक्स की बुनियादी शिक्षा की अहमियत बढ़ जाती है। इसके मद्देनजर आईआईटी मद्रास यह बीएस कोर्स लॉन्च कर रहा है। हमें विश्वास है कि यह हमारे देश की जरूरतों और उम्मीदवारों के सपनों को पूरा करने में मदद करेगा।’’

कोर्स कंटेंट ऑनलाइन उपलब्ध कराया जाएगी परंतु शिक्षा की गहनता और प्रोग्राम की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए क्विज और परीक्षाओं में व्यक्तिगत उपस्थिति दर्ज करनी होगी। पूरे देश के 150 से अधिक शहरों और विदेशों में भी क्वालीफायर परीक्षाएं आयोजित की जाएगी जिसमें व्यक्तिगत उपस्थिति आवश्यक होगी।

आईआईटी मद्रास में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के फैकल्टी और आईआईटी मद्रास में इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम्स प्रोग्राम में बीएस के समन्वयक प्रो. बॉबी जॉर्ज ने कहा, ‘‘इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम के क्षेत्र में ऐसे लोगों की बहुत मांग है जिनके पास सही कौशल और जानकारी है।
2023 में जो विद्यार्थी बारहवीं कक्षा में हैं इस प्रोग्राम में आवेदन और अपना प्रवेश सुनिश्चित कर सकते हैं। बारहवीं कक्षा सफलतापूर्वक पास करने के बाद प्रोग्राम में प्रवेश ले सकते हैं। प्रोग्राम की अधिक जानकारी कोर्स की वेबसाइट www.study.iitm.ac.in/es/पर उपलब्ध है।.