बीएसएनके न्यूज / नारायणबगड़,चमोली डेस्क। सड़क मार्ग के आभाव में ग्रामीणों को आज भी रोजमर्रा की जिंदगी में किस तरह की परेशानियों से जूझना पड़ता है इसकी एक बानगी शनिवार को फिर से देखने को मिली है।
शनिवार को नाखोली गांव की 69 वर्षीय बुजुर्ग भागा देवी का स्वास्थ्य बिगड़ने पर ग्रामीण उन्हें गांव से अस्पताल के लिए बमुश्किल पहाड़ी रास्ते से डंडी पर बिठाकर 2 किलोमीटर दूर मोटर मार्ग तक लाए और यहां से वाहन के जरिए बीमार बुजुर्ग महिला को नारायणबगड़ सरकारी अस्पताल पहुंचाया। अस्पताल में प्राथमिक उपचार करने के बाद चिकित्सक ने उन्हें हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिया।
बीमार महिला को अस्पताल लेकर आए ग्राम पंचायत प्रशासक श्याम सिंह बिष्ट ने बताया कि उनका गांव वर्षों से एक अदद मोटर मार्ग की मांग कर रहा है। लेकिन आज तक उनके गांव के लिए मोटर मार्ग नहीं बन पाया है। उन्होंने बताया कि गांव से सड़क मार्ग दूर होने के कारण लोगों को कई तरह की समस्याओं से जूझना पड़ता है। बताया कि सबसे बड़ी चुनौती बीमार और प्रसूता महिलाओं को अस्पताल तक पहुंचाने में आती हैं।जिससे कई बार बीमार व्यक्ति समय से अस्पताल नहीं पहुंच पाते हैं ।
गांव के भगत सिंह, करण सिंह,सुरेन्द्र सिंह, उम्मेद सिंह,जयवीर सिंह,राजेन्द्र सिंह बुटोला,रूक्मिणी देवी, सुनीता देवी,महिला मंगल दल अध्यक्ष यशोदा देवी, बिक्रम सिंह,परमा देवी ने बताया कि उनके गांव के लिए सड़क की मांग बहुत पुरानी है। और आज भी वे लोग जंगल-गधेरों के पहाड़ी रास्तों से आवागमन करने के लिए मजबूर हैं।
ग्रामीणों ने कहा है कि लंबे समय से सड़क के लिए संघर्षरत रहने के बाद भी उनकी अनदेखी की जा रही है । इसलिए इस बार उन्होंने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का पुरजोर तरीके से बहिष्कार करने का मन बना लिया है। जिसका अल्टीमेटम जल्दी ही शासन प्रशासन को दिया जाएगा।
रिपोर्ट – सुरेन्द्र धनेत्रा,स्थानीय संपादक
