बीएसएनके न्यूज / देहरादून डेस्क। विरासत सांस्कृतिक संध्या की शुरुआत बहुत ही आकर्षक गढ़वाली गीतों के साथ हुई I
नव ज्योति सांस्कृतिक एवं सामाजिक संस्था ने अपने प्रदर्शन की शुरुआत गढ़ वंदना की भावपूर्ण प्रस्तुति से की, जिसने गढ़वाली लोक संगीत और नृत्य के प्रामाणिक प्रदर्शन के लिए मंच तैयार किया।
इसके बाद थड़िया, चौफला, छौपति, बाजूबंध और जीवंत रांसू गीत सहित कई पारंपरिक प्रस्तुतियां हुईं, जिनमें गढ़वाल की सांस्कृतिक झलक साफ झलक रही थी।
समूह ने क्षेत्र की आध्यात्मिक विरासत को समर्पित श्रद्धेय नंदा का गीत भी प्रस्तुत किया। ढोलक पर सुमित गुसाईं और सचिन वर्मा, पैड पर सौरभ उपाध्याय और कीबोर्ड पर अखिल मैंदोला ने संगीत को जीवंत किया।
गायन की प्रस्तुतियां भी उतनी ही आकर्षक रहीं, जिसमें प्रदीप असवाल और सुनील कोढ़ियाल ने पुरुष गायक के रूप में अपनी आवाज दी, जबकि रेनू बाला और सुनंदा ने महिला गायक के रूप में प्रस्तुति को समृद्ध बनाया। उनके सामूहिक प्रयासों ने गढ़वाल की समृद्ध परंपराओं को दर्शाते हुए एक मंत्रमुग्ध कर देने वाला सांस्कृतिक अनुभव बनाया।