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कौन है निखिल गुप्ता? जिस पर कथित तौर पर लगा खालिस्तानी नेता की हत्या की साजिश रचने का आरोप

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बीएसएनके न्यूज डेस्क/अंतरराष्ट्रीय :- 52 वर्षीय निखिल गुप्ता एक भारतीय नागरिक है, जिसे बीती 30 जून को चेक रिपब्लिक की सरकार ने पकड़ा था। इसके बाद चेक रिपब्लिक ने प्रत्यर्पण संधि के तहत निखिल गुप्ता को अमेरिका को सौंप दिया था।

अमेरिका के न्याय विभाग ने बुधवार को भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक की हत्या का साजिश रचने के आरोप में एक भारतीय के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। जिस व्यक्ति के खिलाफ अमेरिकी न्याय विभाग ने मुकदमा दर्ज किया है, उसका नाम निखिल गुप्ता उर्फ निक है। न्याय विभाग ने उस व्यक्ति के नाम का खुलासा नहीं किया है, जिसकी हत्या का साजिश रची  गई थी लेकिन अमेरिकी मीडिया ने हाल ही में अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया था कि खालिस्तानी नेता गुरुपतवंत सिंह पन्नूं की हत्या की साजिश रची गई थी।

कौन है निखिल गुप्ता
अमेरिका के न्याय विभाग की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, 52 वर्षीय निखिल गुप्ता एक भारतीय नागरिक है, जिसे बीती 30 जून को चेक रिपब्लिक की सरकार ने पकड़ा था। इसके बाद चेक रिपब्लिक ने प्रत्यर्पण संधि के तहत निखिल गुप्ता को अमेरिका को सौंप दिया था।

अमेरिकी न्याय विभाग का कहना है कि भारत के एक सरकारी अधिकारी, जिसके नाम का खुलासा नहीं हुआ है, निखिल  गुप्ता और अन्य उस सरकारी अधिकारी के संपर्क में थे। ये लोग अमेरिका में एक राजनीतिक कार्यकर्ता, जो भारतीय मूल का है और अमेरिकी नागरिक है, उसकी हत्या की साजिश रच रहे थे।

अमेरिकी दस्तावेज के अनुसार, निखिल गुप्ता को सरकारी अधिकारी द्वारा मई 2023 को ही साजिश में शामिल किया गया था। निखिल गुप्ता ने अमेरिका में एक अन्य व्यक्ति से संपर्क किया, जिसे माना जा रहा है कि भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक की हत्या करनी थी। जून में निखिल गुप्ता ने कॉन्ट्रैक्ट किलर को उस व्यक्ति की जानकारी साझा की थी, जिसकी हत्या की जानी थी।

न्याय विभाग के दस्तावेजों में हरदीप सिंह निज्जर का नाम भी शामिल है, जिसकी जून में कनाडा में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। दस्तावेजों के अनुसार, निखिल गुप्ता ने हत्या करने वाले व्यक्ति को बताया था कि निज्जर भी उनके निशाने पर था और कई अन्य और भी निशाने पर हैं।

निखिन गुप्ता ने 30 जून को चेक रिपब्लिक का दौरा किया था, जहां उसे अमेरिका की विनती पर चेक रिपब्लिक पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया और अमेरिका को सौंप दिया।