हेल्थ डेस्क। हार्ट अटैक के पीछे अक्सर माना जाता है की सबसे बड़ी वजह खून की धमनियो में चर्बी जमा होना या कोलेस्स्ट्रोल बढ़ना है। हालांकि मेयो क्लीनिक के एक नये शोध में चौकाना वाला खुलासा हुआ है। इस अध्ययन के अनुसार 65 साल के कम लोगो और खासकर महिलाओं में हार्ट अटैक के पीछे कई ऐसे कारण होते है ,जिन पर ध्यान कम दिया जाता है। यही कारण महिलाओं में हार्ट अटैक की वजह बन जाता है। इस अध्ययन में पाया गया है कि 65 साल से कम उम्र की महिलाओँ में 50 %से ज्यादा धमनियों में ब्लॉकेज के कारण नहीं होते है।
महिलाओं में सबसे बड़ी वजह स्पॉन्टेनियस कोरोनरी आर्टरी डेस्कशन ( SCAD ) एम्बोलिज्म ,इंफेक्शन या एनीमिया है, स्कैंड की परेशानी अक्सर स्वस्थ लगने वाली,ऐसी महिलाओं में होती है,जिनमें दिल की बीमारयों से जुड़े अन्य जोखिम कम देखे जाते है। पंद्रह साल तक इकठा किए गए आकड़ो के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला गया है। यह अध्य्यन दर्शाता है युवा महिलाओं में हार्ट अटैक में परंपरागत कारण ही जिम्मेदार नहीं होते है।
शोध की रिपोर्ट में इस और भी इशारा किया गया है कि हार्ट अटैक का इलाज और मैनजमेंट उसके कारण के अनुसार करना चाहिए,तभी वह प्रभावी साबित होता है। जैसे स्कैंड से बचाव ,सेहतमंद खानदान ,धूम्रपान से दूरी और नियमित व्यायाम पर जोर देते है। अध्ययन में यह भी सामने आया है कि हार्ट अटैक होने पर महिलाओँ के दिल को पुरषो के मुकाबले कम नुकसान पहुँचता है।


