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ई-पास बना सिरदर्द चारधाम यात्रियों ने दर्शन के अनुमति देने की मांग की

न्यूज डेस्क / रुद्रप्रयाग। चारधाम यात्रा 18 सितंबर से शुरू हो गई है। चारधाम यात्रा को लेकर प्रदेश सरकार की तैयारियों और नियमों और बाध्यताओं के प्रचार-प्रसार पर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं। चारधाम यात्रा पर आए यात्री सरकार से दर्शन करने की अनुमति मांग रहे हैं। क्योंकि यात्री काफी परेशानियों को पार कर धाम तक पहुंच रहे हैं। वहीं दूसरी ओर केदारनाथ के दर्शनों के लिये प्रत्येक दिन हजारों की संख्या में यात्री पहुंच रहे हैं, लेकिन ई-पास न होने के कारण यात्रियों को बिना दर्शन किये ही वापस जाना पड़ रहा है।

यात्रियों को कहीं खाने के लिए नहीं मिल रहा, तो कहीं सोने की जगह नहीं हैं। वहीं, तीर्थयात्रियों ने प्रदेश सरकार को यात्रा को सुगम करने की मांग की है.। सोमवार को करीब 150 से अधिक यात्री यमुनोत्री धाम के दर्शन के लिए बड़कोट स्थित दोबाटा चेकिंग पोस्ट पर पहुंचे, जहां पर प्रशासन की ओर से बिना ई-पास और देवास्थानम बोर्ड पास न होने के कारण यात्रियों को आगे नहीं जाने दिया गया, जिससे यात्रियों ने हंगामा शुरू कर दिया और कहा कि वह कई दिनों से परेशान हैं।

वहीं, उत्तराखंड सरकार के नियमों की कहीं पर भी सही जानकारी नहीं दी है और स्लॉट दिखने पर वह फूल नजर आ रहे हैं। यात्रियों का कहना है कि पहले डामटा में पूरा दिन काटा, तो देर रात बड़कोट में भी अपनी गाड़ियों में ही सोना पड़ा। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सीओ बड़कोट मौके पर पहुंचे और तीर्थयात्रियों को समझाने की कोशिश की। वहीं, यात्री उनसे यमुनोत्री धाम के दर्शन के लिए फरियाद करते रहे।

ऐसे में स्थिति को देखते हुए दोबाटा में पुलिस बल की संख्या बढ़ा दी गई है। एसडीएम शालिनी नेगी ने कहा कि नियमों के अनुसार जिनके पास ई-पास और देवस्थानम बोर्ड पास है। उन्हें यमुनोत्री धाम के दर्शन के लिए भेजा जा रहा है। रोके गए यात्रियों के पास ई-पास नहीं है, जिसके बारे में यात्रियों को भी बताया जा रहा है। धाम में 400 यात्रियों की जाने की अनुमति है। इसके साथ ही स्थिति से जिलाधिकारी और उच्च अधिकारियों को अवगत करवाया गया है।