न्यूज डेस्क / देहरादून। उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी गुरुवार को भी जारी रही। मसूरी, धनोल्टी और औली समेत चकराता की खूबसूरत वादियों में भी बर्फ की फुहारें पड़ी। वहीं, मैदानी इलाकों में बारिश होने से ठंड में और इजाफा हो गया है। मसूरी और धनोल्टी में हल्की बारिश और बर्फबारी हुई। रुक-रुक कर हो रही बारिश के बीच बर्फ की हल्की फुहारें पड़ने से मौसम खुशनुमा हो गया। हालांकि बर्फ गिरने से क्षेत्र में शीतलहर का प्रकोप बढ़ गया है। इससे मसूरी घूमने पहुंचे सैलानियों और क्षेत्र के पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों में खुशी का माहौल है।
मसूरी में 28 दिसंबर को सीजन की पहली बर्फबारी हुई थी। मसूरी के अलावा धनोल्टी और बुरांशखंडा क्षेत्र में हल्की बर्फ पड़ी है। धनोल्टी और बुरांशखंडा में बर्फबारी होने से पर्यटकों और स्थानीय लोगों के चेहरे खिल उठे हैं। औली में भी जमकर बर्फबारी हुई। औली पूरी तरह से बर्फ से ढक गई है। बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री समेत हेमकुंड साहिब, भी बर्फ से ढक गए हैं। गंगा और यमुना घाटी के ऊंचाई वाले इलाकों ने फिर बर्फ की सफेद चादर ओढ़ ली है। उधर, केदारनाथ धाम समेत द्वितीय केदार मद्महेश्वर, तृतीय केदार तुंगनाथ और चंद्रशिला में भी बर्फबारी हुई।
चकराता में बर्फबारी से खिले व्यापारियों के चेहरे
मौसम विभाग का पूर्वनुमान सही साबित हुआ। बादलों के डेरा डालने के बाद ही उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्र में गुरुवार को बर्फबारी हुई। चकराता और उसके आसपास की पहाड़ियां बर्फ की सफेद चादर से ढक गई हैं। बर्फबारी के बाद यहां होटल व्यापारियों के चेहरे खिल गए। व्यापारियों को उम्मीद है कि बर्फबारी के बाद पर्यटक यहां का रुख करेंगे।
चकराता और आसपास के इलाकों में हुई बर्फबारी के बाद तापमान में काफी गिरावट दर्ज की गई है। जिस कारण से ठंड में काफी इजाफा हुआ है। इस बर्फबारी का किसान भी बड़े दिनों से इंतजार कर रहे थे। किसानों के मुताबिक, ये बर्फबारी सेब बागानों के लिए काफी अच्छी साबित होगी। चकराता निवासी राजेंद्र तोमर ने बताया कि इस साल वे काफी मायूस थे।
पिछले दिनों बर्फ नहीं पड़ी थी, जिससे पर्यटक भी यहां का रूक नहीं कर रहे हैं। अगर बर्फ नहीं पड़ती तो मई-जून में उन्हें पेयजल की समस्या से जूझना पड़ता। वहीं, इस बर्फबारी से होटल व्यापारी भी काफी खुश है। उन्हें उम्मीद है कि यहां अब काफी संख्या में पर्यटक आएंगे।