न्यूज डेस्क / देहरादून। एसजेवीएन एक अनुसूची ‘ए’ और ‘मिनी रत्न’ पावर पीएसयू कंपनी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक नंद लाल शर्मा के कुशल नेत़ृत्व और दूरगामी दृष्टिकोण के तहत लगातार प्रगति के पथ पर है । कंपनी के दो प्रमुख पावर स्टेशनों,1500 मेगावाट नाथपा झाकड़ी जल विधुत स्टेशन,जो देश का सबसे बड़ा भूमिगत पावर हाउस है तथा 412 मेगावाट रामपुर जलविधुत स्टेशन में एसजेवीएन ने जुलाई,2021 माह में अब तक के सबसे अधिक उत्पादन के नए रिकॉर्ड कायम किए हैं ।
एसजेवीएन के नाथपा झाकड़ी जल विधुत स्टेशन ने उच्चतम मासिक विधुत उत्पादन हासिल किया है,जो 31 जुलाई,2021 को 1213.101 मिलियन यूनिट से 1216.565 मिलियन यूनिट के अपने पिछले रिकॉर्ड को पार कर गया है ।
इसी तरह रामपुर जल विधुत स्टेशन ने भी जुलाई,2021 में 335.9057 मिलियन यूनिट का विधुत उत्पादन कर, जुलाई 2020 में अपने पिछले सर्वश्रेष्ठ 333.6951 मिलियन के उत्पादन को पीछे छोड़ दिया है ।
इस उपलब्धि पर एसजेवीएनाइट्स को बधाई देते हुए नंद लाल शर्मा, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक ने कहा , यह हमारे लिए बहुत गर्व की बात है । यह एसजेवीएन के मूलभूत मूल्यों-व्यवसायिकता ,जबाव देही, स्थायित्व, टीम भावना सर्वोत्कृष्टता,नवाचार और विश्वास जो वर्षों से कंपनी की सफलता के पीछे प्रेरक शक्ति रहे हैं और मैं एसजेवीएन को नई ऊंचाईयों पर ले जाने के लिए टीम के अथक प्रयासों की ईमानदारी से सराहना करता हूं ।
मैं सभी एसजेवीएनाइट्स से आग्रह भी करता हूं कि वे राष्ट्र को 24×7 विधुत उपलब्ध करवाने के लिए कोविड-19 के संकटकाल की परीक्षा की घड़ी में भी अथक प्रयास करें।
1500 मेगावाट के नाथपा झाकड़ी की डिजाइन एनर्जी 6612 मिलियन यूनिट और 412 मेगावाट रामपुर एचपीएस की 1878 मिलियन यूनिट्स डिजाइन एनर्जी है । जबकि इन विधुत स्टेशनों से क्रमश: 7445 मिलियन यूनिट तथा 2098 मिलियन यूनिट का उत्पादन हुआ है ।
सक्रिय रूप से एसजेवीएन ने वर्ष 1988 में एकल विधुत परियोजना के साथ शुरूआत की और आज, कंपनी के पास 9000 मेगावाट से अधिक का पोर्टफोलियो है, जिसमें से 2016.5 मेगावाट की परियोजनाएं परिचालन में है, 3156 मेगावाट की परियोजनाएं निर्माणाधीन है और 4046 मेगावाट परियोजनाएं पाइपलाइन में हैं । आज एसजेवीएन के भारत के 9 राज्यों और भारत से बाहर के 02 देशों में भी हमारी उपस्थिति है । कंपनी ,ऊर्जा उत्पादन और पारेषण के अन्य क्षेत्रों में भी विविधता लेकर लाई है । एसजेवीएन 2023 तक 5000 मेगावाट और 2030 तक 12000 मेगावाट और 2040 तक 25000 मेगावाट विधुत की स्थापित क्षमता हासिल करने के लिए तेजी से आगे बढ़ रहा है।