स्थानीय संपादक / नारायणबगड़ चमोली।
जोशीमठ में पिछले सप्ताह घटी प्राकृतिक आपदा में लापता हुए रतनी गांव के हरपालसिंह का शव सात दिनों बाद बरामद होने के बाद सोमवार को उनके पैतृक घाट पर गमगीन माहौल में अंतेष्टि कर दी गई।
जोशीमठ के ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट में कुंदन ग्रुप के साथ लाइनमैन का कार्य करने वाले हरपाल सिंह का शव रविवार को बरामद हुआ था। कंपनी की तरफ से उसके शव को परिजनों को सौपते हुए उनके पैतृक घाट तक पहुंचाने की पूरी व्यवस्था की गई थी।
नारायणबगड़ बाजार के समीप शमशान घाट पर सोमवार को हरपालसिंह के दाह संस्कार में पहुंचे परिजनों और ग्रामीणों ने जनप्रतिनिधियों की अनदेखी करने पर गहरा रोष प्रकट किया है। परिजनों और ग्रामीणों ने जिला पंचायत सदस्य और विधायक पर आरोप लगाते हुए कहा कि इन जनप्रतिनिधियों ने एक सप्ताह तक भी रतनी गांव के आपदा प्रभावित परिवारों की सुध तक नहीं ली।
इस घटना के चलते पूरे क्षेत्र और रतनी गांव में मातम पसरा हुआ है। मृतक हरपाल सिंह सिंह के माता पिता काफी बुजुर्ग हैं और पत्नी सुनीता अभी गर्भवती है जिसकी एक दो दिनों में उसकी डिलीवरी होने की संभावना बताई गई है। हरपाल सिंह का पांच साल का एक अबोध बच्चा है। हरपाल सिंह कै असमय मौत से उसके परिजनों पर दुखों का पहाड़ टूट गया है।लोगों ने उसकी पत्नी को नौकरी दिए जाने की भी मांग की है।
बताते चलें कि रतनी गा़ंव के ही अंकित सिंह नेगी भी ऋषि गंगा प्रोजेक्ट में सुरक्षा कर्मी की नौकरी करता था,और घटना के दिन वह जल प्रपात की चपेट में आने से बालबाल बचा था।
यही नहीं उसने अपने दूसरे साथियों को भी जान की बाजी लगा कर बचाया था। इस घटना के बाद अंकित गहरे सदमे में है और वह अब भी सही से बातचीत नहीं कर पा रहा है। रतनी के ग्रामीणों ने कहा कि अंकित को घर पहुंचे आठ दिन हो गए हैं मगर उसका हालचाल पूछने की जनप्रतिनिधियों को ख्याल तक नहीं आया। इससे रतनी गांव में जनप्रतिनिधियों के खिलाफ भारी आक्रोश व्याप्त है।
इसी तरह हरपाल सिंह के दाह संस्कार में भी जनप्रतिनिधियों की गैर मौजूदगी से भी लोग खफा दिखाई दिए।
हरपाल सिंह के दाहसंस्कार के दौरान तहसीलदार सुरेन्द्र सिंह देव ने परिजनों को आस्वस्त किया कि उनकी ओर से आगे की हर कार्यवाही में पूरा सहयोग किया जायेगा।जिससे मृतक के परिजनों को मुआवजे आदि के लिए दर दर नही भटकना पडेगा।
रिपोर्ट- सुरेन्द्र धनेत्रा