खेल डेस्क। भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने टोक्यो ओलिंपिक में कांस्य पदक हासिल किया। उसने जर्मनी को 5-4 से रोमांचक अंदाज में हराते हुए 41 बरस का सूखा खत्म किया। भारत ने इससे पहले 1980 में आखिरी बार ओलिंपिक मेडल जीता था। लेकिन टोक्यो में कांसे के साथ भारतीय पुरुष हॉकी एक बार फिर से पोडियम पर नज़र आई। इस कामयाबी के बाद से पूरे देश में जश्न का माहौल है। भारतीय पुरुष टीम ने इस जीत के साथ ही ओलिंपिक में पदक जीतने का रिकॉर्ड भी बना दिया।
भारतीय पुरुष टीम ने ओलिंपिक खेलों में 12वां मेडल जीता है. इसके साथ उसने जर्मनी को पीछे छोड़ा। अभी तक भारत और जर्मनी दोनों बराबर थे। भारतीय पुरुष टीम ने ओलिंपिक में आठ गोल्ड जीते हैं। इतने गोल्ड किसी और टीम ने नहीं जीते हैं। आठ गोल्ड के अलावा एक सिल्वर और तीन ब्रॉन्ज भी भारत के नाम हैं।
ओलिंपिक में मेडल जीतने में जर्मनी की पुरुष टीम दूसरे स्थान पर है। उसने कुल 11 मेडल जीते हैं. इनमें से चार गोल्ड हैं। उसके पास टोक्यो में 12वां मेडल जीतने का मौका था लेकिन भारत ने उसकी उम्मीदों को तोड़ दिया। जर्मनी ने ओलिंपिक में तीन रजत और चार कांस्य पदक भी जीते हैं। इस टीम ने 2008 और 2012 में लगातार दो गोल्ड जीते हैं।
तीसरे नंबर पर ऑस्ट्रेलिया का नाम आता है, इस टीम ने ओलिंपिक में 10 मेडल जीते हैं। लेकिन इसमें सोना केवल एक ही है, इसके अलावा बाकी नौ में से पांच कांस्य और चार सिल्वर मेडल हैं। टोक्यो ओलिंपिक में भी इस टीम को सिल्वर मेडल ही मिला है। ऑस्ट्रेलिया पुरुष हॉकी टीम ने केवल एक बार 2004 में गोल्ड जीता था।
नेदरलैंड्स की पुरुष हॉकी टीम ओलिंपिक पदक जीतने में चौथे स्थान पर है। उसने अभी तक नौ मेडल जीते हैं। इनमें से दो गोल्ड, चार सिल्वर और बाकी तीन कांस्य है। टोक्यो में यह टीम छठे नंबर पर रही।