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स्थानीय संपादक / नारायणबगड़ चमोली। पिछले चौबीस घंटों से भी अधिक समय से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है।

क्षेत्र में हो रही पिछले दिनों से लगातार मूसलाधार के कारण ग्रामीण क्षेत्रों की सभी सड़कें सडक़ पर मलवा पत्थर आने से बंद पड़ी हुई है। कर्णप्रयाग-ग्वालदम-बैजनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग भी भारी बारिश के चलते जगह जगह ठप्प पड़ा है। जिससे विभिन्न स्थानों पर अधिकांश मोटर वाहन फंसे हुये हैं। ग्रामीण इलाकों से भी बारिश के कारण से लोगों की कृषि भूमि और संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचने की खबरें भी हैं।

पालछूनी गांव में सडक के कटिंग की वजह से दर्शन सिंह की मकान के आगे भूस्खलन से मकान को खतरा बना हुआ है।तो बारकोट किमोली गांव के शेरसिंह के घर के आगे का पुस्ता ढहने.से उनकी मकान के जमीदोंज होने का खतरा बढ़ गया है।

सनेड़ गांव में बीरेन्द्र सिंह का बाथरूम की दीवार भी ढह गई हैं तो डांगतोली में सडक में सही जल निकासी न बनाने से ग्रामीणों की कृषि भूमि में भारी पानी और मलवा पसर गया है। जिससे गांव के कुछ आवासीय मकानों और गांव की गौशालाओं को भी गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है।

गडीगाड़ क्षेत्र स्यूंटा गांव के कैलाश उप्रेती ने बताया कि कंसोला से खैनोली गांव के लिए पीएमजीएसवाई की निर्माणाधीन मोटर मार्ग पर पहाडी की ओर से सुरक्षा दीवार नही बनाये जाने से उनके गांव के नीचे बड़ी बडी दरारें और भूस्खलन से बड़ा खतरा बना है।

बताया कि पूर्व में भी उनके गांव वासियों ने पीएमजीएसवाई और कार्यदायी संस्था को गांव के नीचे सुरक्षा दीवार बनाने का मांगें की थी परंतु हर बार अनदेखी कर दी गई।

फिलहाल लगातार हो रही बारिश और नदी नालों के जल स्तर के बेतरतीबी से बढ जाने से लोगों को 2013 की आपदा काल की यादें ताजी होकर दहशत में डाल रही हैंँ।

रिपोर्ट – सुरेन्द्र धनेत्रा

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