खबर सुने

स्थानीय संपादक / नारायणबगड़ चमोली। भारी भूस्खलन से मौणा गांव के ऊपर खतरा मंडराने लगा है । सूचना पर राजस्व विभाग ने घटनास्थल पर पहुंच कर ग्रामीणों को हुए नुकसान का आंकलन किया।

बीते सप्ताहांत तक लगातार हुई अतिवृष्टि से क्षेत्र में भारी भूस्खलन ने लोगों के खेत -खलिहानों,आने जाने की सड़कों और पैदल रास्तों, पेयजल व्यवस्था और संचार व विद्युत आपूर्ति को तहस-नहस करके रख दिया था,तो अब खिल रही चटक धूप भी लोगों के लिए कम मुसीबतें खड़ी नहीं कर रही है। इससे बारिश के दरमियान हुए भूस्खलन के स्थानों पर और अधिक खतरा पैदा हो गया है।

इसी के चलते यहां मौणा गांव के ऊपर,ऊपरी गांवों से आये बरसाती नाले ने निकासी नहीं मिलने के कारण जमीन के अंदर समाकर भारी भूस्खलन कर डाला। इसने मौणा और सिलोडी गांव के ग्रामीणों की कृषि भूमि भी को तहस-नहस कर डाला।

इस कारण मौणा गांव को भी भविष्य में बड़ा खतरा पैदा होने की संभावना बढ़ गई है।इस भूस्खलन का पानी और मलवा मौणा गांव के लोगों के घरों तलक भी पहुंचा तो लोगों में दहशत फ़ैल रही है।अब चूंकि बरसात का मौसम है तो बारिश के दौरान गांववासियों को भारी खतरे की आशंकाओं ने भी दो चार कर दिया है।

ग्रामीणों द्वारा इसकी सूचना मिलते ही तहसीलदार सुरेन्द्र सिंह देव ने मौणा में हुए भूस्खलन का स्थलीय निरीक्षण करने के लिए क्षेत्रीय राजस्व उपनिरीक्षक राजेश्वरी रावत के नेतृत्व में टीम भेजी। जहां मौके पर ही भू-अभिलेखों से लोगों की कृषि भूमि को भूस्खलन से हुए नुकसान का आंकलन किया गया है।

पटवारी राजेश्वरी रावत ने कहा कि हमने लोगों को हुए नुकसान का आंकलन कर इसकी रिपोर्ट तैयार करने की कार्यवाही सुरू कर दी है तथा लोगों को नियमानुसार मुआवजा दिया जाएगा।कहा कि ग्रामीणों को भी बारिश के समय सतर्कता बरतने को भी कहा गया है।

रिपोर्ट- सुरेन्द्र धनेत्रा

Previous articleनौटंकीबाज़ आप के झांसे में नहीं आएगी उतराखण्ड की जनता : चौहान
Next articleप्रधान संगठन नारायणबगड़ ने अपने 12 सूत्रीय मांगों के निराकरण हेतु मुख्यमंत्री से लगाई गुहार

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here