स्थानीय संवाददाता / कोटद्वार। पूर्व सैनिक सेवा परिषद कोटद्वार उत्तराखंड की बैठक कार्यालय अपर कालाबड में संपन्न हुई बैठक में सभी पूर्व सैनिकों ने कहा कि जब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी गायों की हालत और गौ हत्या की बढ़ती घटनाओं को लेकर बेहद अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने केंद्र सरकार को गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित कर संसद में बिल पेश करने का सुझाव दिया है। पूर्व सैनिकों ने मांग की है कि अतिशीघ्र गाय माता को राष्ट्रीय पशु घोषित कर इस पुण्य काम के भागी बने। जिससे कि सभी राज्यों की सरकारें इसका पालन कर सकें। कोर्ट ने यह भी कहा कि गायों की सुरक्षा को हिंदुओं के मौलिक अधिकार में शामिल किया जाना चाहिए ।
हाईकोर्ट के मुताबिक गायों को किसी एक धर्म के दायरे में नहीं बांधा जा सकता यह भारतीय संस्कृति का अहम हिस्सा है ।कोर्ट ने यह भी कहा कि अपनी संस्कृति को बचाना हर भारतवासी की जिम्मेदारी है । महज स्वाद पाने के लिए किसी को भी इसे मारकर खाने का अधिकार कतई नहीं दिया जा सकता । कोर्ट ने अपने फैसले में गायों के महत्व को विस्तार से बताते हुए कहा कि अगर देशवासी मौजूदा हालात को लेकर गंभीर नहीं हुए तो भारत के हालात भी अफगानिस्तान में तालिबान के हमले और कब्जे की तरह हो सकते हैं । कोर्ट के फैसले के मुताबिक देश का कल्याण तभी होगा, जब गाय का कल्याण होगा ।
अदालत ने यह भी कहा कि गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने के लिए सरकार संसद में बिल लाकर सिर्फ कानून ही न बनाए, बल्कि उस पर सख्ती से अमल भी कराए । फैसले में यह भी कहा गया है कि गौ हत्या की घटनाओं से देश कमजोर होता है और इस तरह की घटनाओं को अंजाम देने वालों का कतई देशहित में कोई आस्था या विश्वास नहीं होता। पूर्व सैनिकों ने कहा कि तालीबानीयों ने हाथियारों के साथ काबुल में जिस शक्ति से प्रदर्शन किया वह बहुत भयावह है। तालीबानी पूरे बिश्व के लिए खतरा है। इसलिए वह अफगानी हो या तालीबानी इनका वापसी का मार्ग सरकार जल्द से जल्द सुनिश्चित करें।
बैठक में अध्यक्ष गोपाल कृष्ण बड़थ्वाल, कैप्टन सी पी डोबरियाल, कैप्टन सीपी धूलिया, बलवान सिंह रावत, गोपाल सिंह बड़थ्वाल,संजीव द्विवेदी, गजेन्द्र सिंह बिष्ट, गोपाल सिंह नेगी, कप्तान सुरेंद्र सिंह नेगी, उमेश चौधरी, सुरेश रावत, सुभाष कुकरेती, शुरवीर सिंह खेतवाल, अनूप बिष्ट, कैप्टन हशबंत सिंह, कैप्टन गोपाल दत्त जखमोला आदि उपस्थित रहे।
संवाददाता – वीरेंद्र रावत