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भोजन माताओं ने स्कूलों से निकाले जाने सहित विभिन्न समस्यायों के समाधान हेतु मुख्यमंत्री को सौंपा ज्ञापन

स्थानीय संवाददाता / कोटद्वार। गढ़वाल अपनी मांगों को लेकर भोजन माताओं ने गुरुवार को उपजिलाधिकारी कोटद्वार के माध्यम से मुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री को ज्ञापन भेजते हुए कहा है कि भोजन माताओं का न्यूनतम वेतन 18,000 होना चाहिए । भोजन माताओं ने सर्वप्रथम अपने वेतन को दो हजार से बढ़ाकर 5 हजार करने पर सरकार की घोषणा का स्वागत किया व जल्दी अध्यादेश पारित करने की मांग की गई । भोजन माताओं ने कहा कि वे लोग स्कूलों में भोजन बनाने के अलावा स्कूलों के अन्य कार्य भी करते हैं उसके बावजूद इनको मात्र 2 हजार रुपए मासिक वेतन दिया जाता है।

जिसमें की उनको अपना घर खर्च, बच्चों की पढ़ाई आदि अन्य खर्च वहन करने होते हैं। जोकि मात्र दो हजार में असंभव है इसलिए उनके कार्य को देखते हुए उनका मासिक वेतन कम से कम 18000 होना चाहिए जिससे कि वे लोग अपनी आजीविका चला सके। साथ ही कहा कि किसी भी स्थिति में भोजन माताओं को विद्यालय से न निकाला जाए जबकि अक्सर विद्यालय में बच्चो की संख्या कम होने पर भोजन माताओं को विद्यालय से निकाल दिया जाता है।

सभी स्कूलों में गैस की सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए। किसी भी एनजीओ बाहरी कंपनी के द्वारा बनाए खाने पर रोक लगाई जानी चाहिए । इस मौके पर गुड्डी देवी, गीता, रजनी, उर्मिला, पार्वती, मंजू, आशा देवी, पुष्पा, पूजा, बीना सहित कई भोजन माताएं मौजूद रही ।
रिपोर्ट – वीरेंद्र रावत