बीएसएनके न्यूज डेस्क / नारायणबगड़,चमोली। देवीधुरा पर्वत के जंगल में आग लगने के कारण महामृत्युंजय महादेव मंदिर समिति के लोगों ने मंदिर और जंगल में रतजगा कर रातभर आग बुझाने का प्रयास किया।
सोमवार देर शाम अचानक नारायणबगड़-परखाल-चोपता मोटर मार्ग से पालछूनी,काण्डा-ग्वाढ के जंगल में शरारती तत्वों द्वारा लगाई गई आग देवीधुरा पर्वत शिखर की ओर तेजी से बढ़ी जिस कारण महामृत्युंजय महादेव मंदिर समिति के सदस्यों को मंदिर परिसर तक आग का पहुंचने की चिंता सताने लगी,और आनन फानन में लोगों ने वन विभाग को इसकी सूचना देकर पालछूनी,असेड़,काण्डा व ग्वाड के ग्रामीण तुरंत जंगल में आग बुझाने निकल पड़े। सूचना मिलते ही अलकनंदा वन प्रभाग के डिप्टी रेंजर कैलाश रावत भी अपनी टीम के साथ स्थानीय लोगों के साथ रात भर आग पर काबू पाने का प्रयास करते रहे।
चारों ओर से आग को बुझाने का प्रयास किया गया ताकि महामृत्युंजय महादेव मंदिर परिसर तक आग न पहुंच सके। इस समय चली तेज हवाओं ने आग बुझाने गये लोगों की मुश्किलें बढ़ाने का काम किया। आग लगने से बांज,बुरांश,चीड़,आंवला सहित लाखों रुपए की वन संपदा खाक हो गई।मंगलवार को भी मंदिर से नीचे के जंगलों में आग लगी हुई है जिसमें वन महकमा और स्थानीय लोग चिलचिलाती गर्मी में भी आग बुझाने में लगे हुए हैं।
इस अवसर पर पालछूनी के वन सरपंच राजेन्द्र सिंह नेगी, मंदिर समिति के अध्यक्ष बृजमोहन बुटोला,असेड़ के वन सरपंच महेंद्र सिंह कनेरी, धीरेन्द्र सिंह बुटोला, ग्राम प्रहरी आनंद सिंह,पियूष,आयुष आदि ग्रामीणों और वन महकमे के लोगों ने आग पर काबू पाने में सहयोग किया।
रिपोर्ट – सुरेन्द्र धनेत्रा,स्थानीय संपादक
