बीएसएनके न्यूज / नारायणबगड़, चमोली डेस्क । नारायणबगड़ ब्लॉक के जुनेर एवं सिमली ग्राम पंचायत के धुलेट और देवार गांव में लोगों की आवासीय भवनों के नीचे से भूस्खलन से यहां के लोगों की मकानों को खतरा मंडरा रहा है। कुछ आवासीय मकानों के तो नींव ही भूस्खलन की जद में आकर खोखले हो चुके हैं।जिस कारण यहां के गरीब लोग सहमे हुए हैं और रो-रोकर अपनी व्यथा सुनाते हुए कहते हैं कि उन्होंने मजदूरी आदि करके अपने मकान बनाए थे लेकिन अब हमारे घरों को भूस्खलन से खतरा बन गया है तो हम अब जाएं तो जाएं कहां।
लोगों ने सरकार से सुरक्षित स्थानों पर उनको विस्थापित किए जाने की मांग की। दरअसल 29 अगस्त को धुलेट और देवार गांव में आवासीय भवनों के ठीक नीचे एक बड़े भू-भाग में भूस्खलन होने के चलते धुलेट गांव के बाईस तथा देवार गांव के बारह परिवारों के मकानों को खतरा पैदा हो गया तब लोगों ने आनन-फानन अपने घरों को छोड़ कर इसकी तत्काल सूचना तहसील प्रशासन को दी।इसपर तहसील प्रशासन ने इन गांवों का स्थलीय निरीक्षण कर यहां के लोगों की सुरक्षा की दृष्टि से धुलेट गांव के बाईस परिवारों को न राउमावि भवन में शिफ्ट कर दिया जबकि देवार गांव के बारह परिवारों को राउमावि सणकोट में विस्थापित किया गया है।
जुनेर के निवर्तमान ग्राम प्रधान नरेंद्र सिंह भंडारी ने शासन-प्रशासन से आपदा पीड़ितों को सुरक्षित स्थानों पर विस्थापित किए जाने की मांग की है।वहीं शुक्रवार को उपजिलाधिकारी के निर्देशों के क्रम में तहसील प्रशासन ने राजस्व उपनिरीक्षक जयवीर सिंह बिष्ट के नेतृत्व में धुलेट गांव के 22 तथा देवार गांव के 12 आपदा प्रभावितों को मौके पर जाकर राशन किट वितरित किए गये।
उपजिलाधिकारी पंकज भट्ट ने कहा कि दोनों गांवों का स्थलीय निरीक्षण करवा लिया गया है और भूगर्भीय सर्वेक्षण के लिए कार्यवाही की जा रही है।भूगर्भीय सर्वेक्षण जांच की रिपोर्ट आने के बाद ही आगे नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान सुरक्षा की दृष्टिकोण से प्रभावितों को राहत शिविरों में शिफ्ट कर दिया गया है और आवश्यक रसद आदि जरूरी सामाग्रियों को पहुंचाईं जा रहा है।
रिपोर्ट – सुरेन्द्र धनेत्रा,स्थानीय सम्पादक
