बीएसएनके न्यूज / नारायणबगड़, चमोली डेस्क । विद्यालयी शिक्षा विभाग नारायणबगड़ के तत्वावधान में शिक्षक दिवस के अवसर पर श्रेष्ठ शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया।जिसमें शैक्षणिक कार्यों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 23 शिक्षक-शिक्षिकाओं को श्रेष्ठ शिक्षक सम्मान से नवाजा गया।
कार्यक्रम में प्रारंभ में मुख्य अतिथि खंड शिक्षा अधिकारी अधिनाथ,बीआरसी दर्शन गिरी,यमुना प्रसाद गौड़ आदि द्वारा दीप प्रज्वलित कर मां सरस्वती तथा भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति एवं प्रख्यात शिक्षाविद् डॉ राधाकृष्णन के चित्र पर माल्यार्पण किया गया।
इस अवसर पर खंड शिक्षा अधिकारी ने कहा कि शिक्षक का कोई विशेष दिवस नहीं होता है बल्कि प्रत्येक शिक्षक का 365 दिन ही शिक्षक दिवस होते हैं।
खंड शिक्षा अधिकारी ने कहा कि शिक्षक की भूमिका हमेशा से रही है,है और आगे भी रहेगी।समय बदला उसका भाव बदला लेकिन शिक्षक की भूमिका नहीं बदली है।मगर एक प्रवृत्ति बदली कि शिक्षक ने पढ़ना बंद कर दिया तो ज्ञान की प्राप्ति कहां से आ पाएगी,जो पढ़ेगा और चिंतन करेंगे वही शिक्षक तो अपने छात्र छात्राओं को ज्ञान दे पायेंगे।
इसलिए जब हम पढा रहे हैं तो पहले स्वयं भी जिज्ञासु बनकर अध्ययन भी जरूरी है।उन्होंने कहा कि शिक्षा को केवल औपचारिकता पूर्ण पढ़ाकर पूरा नहीं किया जा सकता है बल्कि हर दिन नवाचार का समावेश करने की कोशिश होनी चाहिए।अंत में उन्होंने सभी शिक्षक शिक्षिकाओं को बधाई देते हुए शुभकामनाएं दी।
श्रेष्ठ शिक्षक सम्मान समारोह में प्राइमरी,जूनियर एवं माध्यमिक विद्यालयों के 23 शिक्षक-शिक्षिकाओं को प्रशस्ति पत्र,डायरी एवं अंगवस्त्र भेंटकर सम्मानित किया गया।
रिपोर्ट – सुरेन्द्र धनेत्रा,स्थानीय सम्पादक
