बीएसएनके न्यूज / नारायणबगड़,चमोली डेस्क। विगत तीन वर्षों से थराली गांव सहित सूना,पैनगढ,सुनाऊं और देवलग्वाड को जोड़ने वाला मुख्य मोटर पुल के प्राणपति गधेरे की बाढ़ में बह जाने के बाद ही यहां के सैकड़ों ग्रामीणों को आवागमन में तमाम मुश्किलों से दो चार होना पड़ रहा है। हालांकि कुछ समय के लिए वैकल्पिक व्यवस्था तो कर दी जाती है लेकिन हर बरसात में वह विकल्प भी बह जाते हैं। पिछले ही वर्ष नव निर्माण होता पुल भी बाढ की भेंट चढ़ गया था।
इस प्राणमति गधेरे का हर बरसात में बिकराल रूप धारण करने के कारण पिछले वर्ष यहां के लिए लोक निर्माण विभाग ने वैली ब्रिज बनाने के लिए शासन से स्वीकृत ली थी लेकिन पहले तो यह जमीनी विवाद में उलझे रहा। जिलाधिकारी चमोली के हस्तक्षेप पर सहमति बन गई थी लेकिन इस बार फिर थराली क्षेत्र में बड़े स्तर पर आपदा का कहर टूट पड़ा जिस कारण जहां से पुल बनना था उस स्थान पर भी बड़े पैमाने पर भूस्खलन हो गया है। जहां से पुल और नयीं सड़क बनना संभव नहीं है।
नगर पंचायत थराली के वार्ड 04 के पार्षद मोहन पंत ने बताया कि उन्होंने थराली के ग्रामीणों के साथ बातचीत कर पीडब्ल्यूडी से अनुरोध किया है कि मोटर पुल को पुराने झूला पुल के स्थान पर बनाया जाए। कहा कि इससे समय और धन की बचत भी होगी और बार-बार की पुल बहने की समस्या से भी निजात मिल सकेंगी।
रिपोर्ट – सुरेन्द्र धनेत्रा,स्थानीय संपादक



