चालीस वर्ष से कम आयु की महिलाओं में स्तन कैंसर पर विशेष ध्यान

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बीएसएनके न्यूज / देहरादून डेस्क । “यंग वूमेन’स ब्रेस्ट कैंसर एंड हेल्थ” पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन 15–16 नवम्बर, 2025 को नई दिल्ली में आयोजित किया जाएगा, ताकि इस बढ़ते खतरे पर चर्चा की जा सके।

युवा महिलाओं में स्तन कैंसर के बढ़ते मामलों का संबंध हमारे आस-पास के वातावरण में विषैले तत्वों की बढ़ती मात्रा और सुरक्षा के प्रति उदासीनता से जोड़ा जा रहा है।

यह घातक और अक्सर प्राणघातक रोग अब मुख्य रूप से 40 वर्ष से कम आयु की महिलाओं को प्रभावित कर रहा है — भारत और विश्वभर में अनुमान है कि भारत में यह प्रवृत्ति वर्ष 2040 तक जारी रहेगी।

इस वृद्धि का एक प्रमुख कारण युवाओं में स्तन कैंसर और उसके रोके जा सकने वाले जोखिम कारकों के प्रति जागरूकता की कमी, स्वयं स्तन परीक्षण न करना, इस आयु वर्ग के लिए स्क्रीनिंग कार्यक्रमों का अभाव और जैविक कारण हैं, जिन्हें अभी तक पूरी तरह समझा नहीं गया है।

यह चिंताजनक प्रवृत्ति न केवल युवा महिलाओं के जीवन को खतरे में डाल रही है, बल्कि चिकित्सा, व्यक्तिगत और सामाजिक स्तर पर ऐसे विशिष्ट चुनौतियाँ भी प्रस्तुत कर रही है जो आम तौर पर वृद्ध रोगियों में नहीं देखी जातीं।

इस महत्वपूर्ण मुद्दे को संबोधित करने के लिए, ब्रेस्ट कैंसर इन यंग वूमेन (BCYW) फाउंडेशन के वैश्विक साझेदार इंडियन ऑन्कोलॉजी फाउंडेशन (IOF) द्वारा 15–16 नवम्बर, 2025 को नई दिल्ली में “यंग वूमेन’स ब्रेस्ट कैंसर एंड हेल्थ” पर दूसरा अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है।

इस सम्मेलन की अध्यक्षता डॉ. अशोक वैद, चेयरमैन, मेदांता कैंसर इंस्टीट्यूट एवं इंडियन ऑन्कोलॉजी फाउंडेशन के संस्थापक, और प्रो. राकेश कुमार, पीएचडी, संस्थापक एवं सीईओ, BCYW फाउंडेशन (यूएसए), तथा स्वामी राम हिमालयन यूनिवर्सिटी, देहरादून के इंटरनेशनल एंडॉव्ड चेयर प्रोफेसर द्वारा की जाएगी।

प्रो. कुमार ने कहा, “आज की 18 वर्ष की युवती कल स्तन कैंसर के जोखिम समूह में हो सकती है। हमें यह भ्रांति तोड़नी होगी कि स्तन कैंसर केवल वृद्ध महिलाओं की बीमारी है। 85 प्रतिशत मामलों का पारिवारिक इतिहास से कोई संबंध नहीं होता — समय पर जागरूकता और स्वयं की देखभाल प्रारंभिक पहचान की कुंजी है।

मेरा मानना है कि युवा महिलाओं को प्रारंभिक स्तर पर सशक्त बनाना आने वाले वर्षों में महिलाओं के स्वास्थ्य और जीवन पर गहरा प्रभाव डालेगा।

यह ऐतिहासिक सम्मेलन विश्वभर के चिकित्सा विशेषज्ञों, विचारशील नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं को एक मंच पर लाएगा, ताकि युवा महिलाओं में स्तन कैंसर से जुड़ी प्रमुख चुनौतियों पर विमर्श किया जा सके। भारत और एशिया में अपने प्रकार का यह पहला आयोजन है, जिसमें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ शामिल होंगे, जिनमें नोबेल पुरस्कार विजेता और प्रसिद्ध बायोकेमिस्ट डॉ. आरोन सिचानोवर (टेक्निऑन-इज़राइल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी) तथा प्रो. माइकल ग्नांट (वियना, ऑस्ट्रिया), जो सेंट गैलेन ब्रेस्ट कैंसर कंसेंसस मीटिंग के अध्यक्ष हैं, प्रमुख हैं।

सम्मेलन में चिकित्सा विशेषज्ञों के साथ-साथ स्तन कैंसर से जूझ चुकी महिलाएं और समर्थक भी भाग लेंगे, जिनमें प्रसिद्ध भारतीय अभिनेत्री महिमा चौधरी भी शामिल हैं।

इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य स्वास्थ्य पेशेवरों और युवा महिलाओं को आवश्यक जानकारी, रोकथाम की रणनीतियाँ, व्यावहारिक दृष्टिकोण और उपचार विकल्पों से सशक्त करना है।

 

डॉ. अंजलि नौड़ियाल (पीएचडी)
BCYW फाउंडेशन की ग्लोबल एम्बेसडर – उत्तराखंड

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Author: BSNK NEWS

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