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जीआईसी रैंस-चोपता के शिक्षक शिक्षिकाओं द्वारा स्पष्टीकरण दिए जाने के बाद,वेतन आहरण की मिली अनुमति

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बीएसएनके न्यूज डेस्क / नारायणबगड़,चमोली। जीआईसी रैंस-चोपता में कार्यरत शिक्षक शिक्षिकाओं के द्वारा खंड शिक्षा अधिकारी को स्पष्टीकरण दिए जाने के बाद बीईओ ने समस्त शिक्षकों के वेतन आहरण की अनुमति दे दी हैं।

बताते चलें कि जीआईसी रैंस-चोपता में हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट प्री बोर्ड परीक्षा के न्यूनतम परीक्षा परिणामों के चलते नाराज़ खंड शिक्षा अधिकारी ने विद्यालय के प्रधानाचार्य समेत सभी शिक्षकों के फरवरी माह के वेतन आहरण पर रोक लगा दी थी। और सभी शिक्षकों को इस संबंध में स्पष्टीकरण दिए जाने के निर्देश दिए थे।

अब जीआईसी रैंस-चोपता के शिक्षकों द्धारा खण्ड शिक्षा अधिकारी को स्पष्टीकरण दिए जाने के बाद बीईओ ने वेतन आहरण की अनुमति इस प्रतिबंध के साथ दी है, कि भविष्य में इस प्रकार की पुनरावृत्ति न हो और परिषदीय परीक्षाफल उत्कृष्ट रहे।

जीआईसी रैंस-चोपता के शिक्षकों ने अपने स्पष्टीकरण में उल्लेख किया है कि प्री-बोर्ड की परीक्षा में कठोर मूल्यांकन(हार्ड मार्किंग)की गई थी, ताकि छात्र-छात्राएं अधिक मेहनत करें। शिक्षकों ने आश्वस्त किया है कि आगामी बोर्ड परीक्षा के परिणाम अच्छे होंगे । और भविष्य में इस तरह की कमी देखने को नहीं मिलेगी।

बीईओ अनिनाथ ने शिक्षकों के द्धारा दिए गए स्पस्टीकरण पर जीआईसी रैंस-चोपता के प्रधानाचार्य को भेजे गए पत्र में कहा है कि हार्ड मार्किंग से क्या अभिप्राय है, क्या छात्र -छात्राओं को कम अंक देना है।

कम अंक देकर छात्र-छात्राएं पढने को प्रेरित होते हैं तो यह उचित कार्यशैली नहीं है।मूल्यांकन का उद्देश्य छात्र-छात्राओं की क्षमता व योग्यता का सही निर्धारण करना है।जबकि उन्हें कम अंक देकर हतोत्साहित किया गया है।

रिपोर्ट-सुरेन्द्र धनेत्रा,स्थानीय संपादक