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चेतावनी- दुनिया में बड़े पैमाने पर हो रही चिकन फार्मिंग, फैल सकती है महामारी

बीएसएनके न्यूज डेस्क। बर्ड फ्लू वायरस  के कम से कम आठ स्ट्रेन पल रहे हैं। जिनके बारे में कहा जा रहा है कि अगर ये फैले तो अंजाम कोरोना महामारी। अगर ये फैले तो अंजाम कोरोना महामारी से भी ज्यादा बुरा होगा। एक रिपोर्ट के मुताबिक ये खतरनाक वायरस मुर्गियों  से फैलने वाला है। कोरोना संकट के बीच दुनिया पर बर्ड फ्लू का खतरा मंडरा रहा है। इस बर्ड फ्लू वायरस के कम से कम आठ स्ट्रेन पल रहे हैं।

इस बर्ड फ्लू वायरस के कम से कम आठ स्ट्रेन पल रहे हैं। जिनके बारे में कहा जा रहा है कि अगर ये फैले तो अंजाम कोरोना महामारी से भी ज्यादा बुरा होगा। रिपोर्ट के मुताबिक, दुनियाभर में बड़े पैमाने पर व्यवसायिक चिकन फार्मिंग होने की वजह से इन वायरस के फैलने का खतरा बढ़ गया है।

‘द गार्जियन’ की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल दिसंबर में रूस के अस्त्रखान शहर के पास खेतों में 101,000 मुर्गियां अचानक मरने मरने लगीं। जांच के बाद पता चला कि इसके पीछे घातक एवियन फ्लू  का नया स्ट्रेन एच5 एन8 था। ऐसे में इस महामारी को रोकने के लिए पोल्ट्री फार्म फार्म में 900,000 मुर्गियों को मार दिया गया।

पक्षियों से मनुष्यों में फैला एच5 एन6- एवियन फ्लू दुनिया में फैलने वाली एक और महामारी है और एच5 एन8 सिर्फ उसका एक स्ट्रेन है। ये स्ट्रेन हाल के वर्षों में ब्रिटेन सहित लगभग 50 देशों में हजारों मुर्गियों, बत्तख और दूसरे पक्षियों की मौत का कारण बना। लेकिन अस्त्रखान की घटना इन सबसे अलग थी, क्योंकि मुर्गियों को मारने के बाद जब खेतों/फर्म में काम करने वाले 150 श्रमिकों का चेकअप किया गया तो उनमें पांच महिलाओं और दो पुरुषों में यह बीमारी पाई गई। यह पहली बार था जब एच5 एन8 पक्षियों से मनुष्यों में फैला।

कोरोना के चलते दब गई दूसरे वायरस की बात!- रिपोर्ट के अनुसार, इस घटना को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन को अलर्ट किया गया था, लेकिन कोविड -19 महामारी के कहर कारण, उस समय इसपर कम ध्यान दिया गया। हालांकि, रूसी संघ के मुख्य उपभोक्ता सलाहकारने टीवी पर चेतावनी दी थी कि संभावना है कि एच5 एन8 स्ट्रेन जल्द ही इंसानों में भी फैल सकता है। उन्होंने इसकी वैक्सीन विकसित करने का काम तुरंत शुरू करने के लिए कहा था। बताया गया कि एविन फ्लू के आठ या इससे अधिक प्रकार, जो सभी मनुष्यों को संक्रमित और मारने में सक्षम हैं व संभावित रूप से कोरोना वायरस की तुलना में अधिक गंभीर हैं, इस पर ध्यान देना बेहद जरूरी है। हालांकि, 2021 में इंसानों के एच5 एन8 से संक्रमित होने की कोई और रिपोर्ट नहीं आई है, लेकिन पिछले हफ्ते चीन से चिंताजनक खबर आई। जहां एक अन्य प्रकार के एवियन फ्लू को एच5 एन6 के रूप में पहचाना गया।

नए-नए स्ट्रेन फैल रहे हैं- एच5 एन6 ने 2014 में पहली बार पहचाने जाने के बाद से 48 लोगों को संक्रमित किया है। अधिकांश मामले पोल्ट्री फार्मिंग में करने वाले लोगों से जुड़े हुए हैं। हाल के हफ्तों में सभी संक्रमित लोगों में से आधे से अधिक लोगों की मृत्यु हो गई है। जो यह दर्शाता है कि एच5 एन6 स्ट्रेन रफ्तार पकड़ रहा है, साथ ही यह स्ट्रेन परिवर्तनशील (म्यूटेशन) और बेहद खतरनाक भी है।

रिपोर्ट में बताया गया कि इस महीने की शुरुआत में, चीन के रोग नियंत्रण केंद्र ने हाल के दो एच5 एन6 मामलों में कई म्यूटेशन की पहचान की। जिसके बाद सीडीसी के निदेशक ने कहा- एच5 एन6 वायरस का प्रसार अब पोल्ट्री उद्योग और मानव स्वास्थ्य के लिए एक “गंभीर खतरा” है। वायरस का लगातार म्यूटेट होना इसे अधिक ताकतवर बना सकता है, जो इंसानों के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकता है.

वायरस विकसित हो रहे हैं- संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन के अनुसार- “एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस बड़े स्तर पर विकसित हो रहे हैं, जो कभी भी महामारी का रूप धारण कर सकते हैं। एक्सपर्ट के मुताबिक, पोल्ट्री, खेती, जानवर और प्रवासी पक्षियों से ऐसे वायरस फैलने का खतरा बढ़ा है। जीव विज्ञानी सैम शेपर्ड का कहना है कि एंटीबायोटिक दवाओं का अति प्रयोग, भीड़भाड़ और जानवरों के बीच आनुवंशिक समानता, कई बैक्टीरिया, वायरस और अन्य रोग जनकों के विलय, म्यूटेशन आदि वायरस के मनुष्यों में फैलने के लिए आदर्श स्थिति प्रदान करती है।

जीव विज्ञानी शेपर्ड ने शोध कर बताया कि कैसे जानवरों को एक साथ रखने से कैंपिलोबैक्टर जैसे सामान्य कीड़ों में आनुवंशिक परिवर्तन होते हैं, जो अब पोल्ट्री, सूअर और अन्य मवेशियों में आम बात हो गई है.

अब अगली महामारी – बेल्जियम के महामारी विज्ञानी मारियस गिल्बर्ट ने बताया है, कि कैसे बर्ड फ्लू मुर्गी पालन से जुड़ा हुआ है। जो अब बर्ड फ्लू वायरस जो अब बर्ड फ्लू वायरस को और अधिक खतरनाक बना रहा है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ लंबे समय से औद्योगिक खेती के खतरों के बारे में चेतावनी देते .लेकिन जब से कोविड महामारी आई है, इस ओर भी लोगों का ध्यान गया है। इतिहासकार अपनी किताब में लिखते हैं कि मानव रोग के तीन युग हो चुके हैं। पहला, जब हमने लगभग 10,000 साल पहले जानवरों को पालतू बनाना शुरू किया था और खसरा और चेचक जैसी बीमारियों से संक्रमित थे।

फिर 18वीं और 19वीं शताब्दी में, जब औद्योगिक क्रांति ने मधुमेह, मोटापा, हृदय रोग और कैंसर की महामारियों को जन्म दिया। और अब, कृषि गहनता/पोल्ट्री के कारण जो पशु-जनित, बर्ड फ्लू, साल्मोनेला , मेर्स, निपाह और कोविड -19 जैसी बीमारियों की ओर ले जा रहा है। कहा गया कि “हम नए बर्ड फ्लू वायरस के प्रकोप में एक अभूतपूर्व विस्फोट देख रहे हैं। जिसने ऐतिहासिक रूप से सबसे बड़ा महामारी जोखिम प्रस्तुत किया है और निश्चित रूप से कोविड से भी बदतर होने की संभावना है।

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