बीएसएनके न्यूज डेस्क / रूद्रपुर। देवभूमि पत्रकार यूनियन के एक प्रतिनिधि मण्डल ने पत्रकारों की विभिन्न समस्याओं को लेकर एडीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया।
यूनियन के प्रदेश पार्षद परमपाल सुखीजा, जिलाध्यक्ष अशोक गुलाटी, महामंत्री जगदीश चन्द्र, कोषाध्यक्ष प्रमोद धींगड़ा, प्रचार मंत्री अशोक सागर और जिला कार्यकारिणी सदस्य एडवोकेट गोपाल शर्मा आदि पत्रकारों का प्रतिनिधि मण्डल शुक्रवार को जिलाधिकारी की अनुपस्थिति में एडीएम जयभारत सिंह से मिला। प्रतिनिधि मण्डल ने ज्ञापन में कहा कि जिला मुख्यालय रूद्रपुर में कार्यरत किच्छा निवासी वरिष्ठ पत्रकार अभिषेक आनन्द का पिछले दिनों आकस्मिक निधन हो गया था। उक्त पत्रकार के परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद खराब है।
पत्रकार के दो छोटे बच्चे हैं जिनकी शिक्षा दीक्षा का भार भी अब दिवंगत पत्रकार की पत्नी के उपर आ गया है। प्रतिनिधि मण्डल ने अभिषेक आनंद के परिवार को आर्थिक सहायता देने की मांग की। साथ ही ज्ञापन में कहा गया कि कोरोना काल के बाद प्रिंट मीडिया पर सबसे बड़ा संकट खड़ा हो गया है। सबसे ज्यादा प्रभाव छोटे और मझोले पत्र पत्रिकाओं पर पड़ा है। कई छोटे अखवार बंद हो चुके हैं। कई बंदी के कगार पर हैं।
इन अखवारों से जुड़े कई मीडिया कर्मी बेरोजगार हो चुके हैं, जिसके चलते उनके सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है। लम्बे समय से साप्ताहिक पाक्षिक मासिक पत्र पत्रिकाओं की उपेक्षा की जा रही है। सरकारी विज्ञापनों के लिए इन अखवारों की अनदेखी की जा रही है जिसके चलते इन अखवारों का संचालन होना मुश्किल होता जा रहा है। ज्ञापन में छोटे समाचार पत्र पत्रिकाओं को भी समय समय पर जारी होने वाले सरकारी विज्ञापन नियमित रूप से जारी किये करने की मांग उठाई गयी।
इसके अलावा ज्ञापन में कहा गया कि जिला मुख्यालय रूद्रपुर में 40 लाख रूपये की लागत से निर्मित प्रेस क्लब भवन का रखरखाव न होने से खण्डहर में तब्दील हो गया है। यहां आवारा पशुओं का जमावड़ा लगा रहता है,साथ ही साथ यह भवन संदिग्ध और नशेड़ी किस्म के लोगों का भी अड्डा बना हुआ है। इस भवन का पत्रकारों के हित में सदुपयोग करने की मांग पूर्व में भी जिला प्रशासन से की जा चुकी है लेकिन अभी तक इस भवन के सदुपयोग की दिशा में कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया गया है।
साथ ही ज्ञापन में प्रतिनिधि मण्डल ने कहा कि जिला मुख्यालय पर पिछले करीब 6 वर्षों से पत्रकार स्थाई समिति का गठन नहीं हुआ है। जिसके चलते स्थाई समिति की बैठक नहीं हो पायी है। पूर्व के वर्षों में पत्रकार स्थाई समिति की बैठक नियमित रूप से होती थी, जिसमें पत्रकारों की समस्याओं पर चर्चा के साथ ही समाधान का मार्ग भी प्रशस्त होता था। साथ ही मीडिया और प्रशासन के बीच भी बेहतर तालमेल बनने से सरकारी योजनाओं के प्रचार प्रसार में भी इसका लाभ मिलता था। स्थाई समिति की बैठक नहीं होने से पत्रकार खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। पत्रकारों ने पत्रकार स्थाई समिति के गठन के लिए शीघ्र कार्यवाही की मांग की।
एडीएम ने खंडहर में तब्दील हो रहे प्रेस क्लब भवन और पत्रकार स्थाई समिति की की बैठक के मामले को लेकर शीघ्र ही जिला प्रशासन के स्तर से कार्यवाही करने का आश्वासन दिया। साथ ही अन्य समस्याओं लेकर मुख्यमंत्री को पत्र प्रेशित करने का आश्वासन दिया।