बीएसएनके न्यूज डेस्क / देहरादून। पृथक राज्य उत्तराखण्ड आंदोलनकारी संजय भट्ट ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को उत्तराखंडियत का ढोंग बन्द करने की अपील की है। कांग्रेस पार्षद मीना बिष्ट के द्वारा नगर निगम देहरादून की बैठक में सड़क का नाम उत्तराखण्ड राज्य आंदोलन के शहीद राजेश रावत के नाम पर करने पर, जिस प्रकार का अनर्गल बका उससे कांग्रेस की हकीकत सामने आई है।
असल में सोमवार को नगर निगम में आयोजित बोर्ड बैठक के दौरान चंदर नगर से कांग्रेस पार्षद मीना बिष्ट ने राज्य आंदोलन में शहीद होने वाले राजेश रावत को पत्थरबाज कह दिया। साथ ही कहा कि वह गुंडे थे, जिन्होंने दूसरे के घर पर पत्थर फेंका था। जिसके बाद बैठक में हंगामा हो गया और पार्षद आमने-सामने आ गए। भाजपा पार्षद मीना बिष्ट के विरोध में उतर आए और कांग्रेसी पार्षद बोर्ड बैठक से उठ गए। इतना ही नहीं आक्रोश में पार्षद मीना बिष्ट ने बलिदानी राजेश रावत की तुलना आतंकवादी से कर दी।
आपको बता दें कि 2 अक्टूबर 1994 में रामपुर तिराहे पर निहत्थे आंदोलनकारियों पर बर्बर अत्याचार कर गोलियों से भून डाला गया था। आंदोलनकारियों को तब की सपा सरकार के दौरान मुजफ्फरनगर के रामपुर तिराहा पर रोक दिया गया था, उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारियों का जंतर मंतर दिल्ली में प्रदर्शन का कार्यक्रम था। इस दौरान पुलिस की गोलियों से कई निहत्थे आंदोलनकारी शहीद हुए, आंदोलनकारी माताओं बहनों की इज्जत से खेला गया।
इसके बाद अगले दिन पूरे उत्तराखण्ड में प्रदर्शन हुए, अगले दिन 3 अक्टूबर 1994 को उस समय के समाजवादी पार्टी के नेता और समाजवादी युवजन सभा मे राष्ट्रीय महासचिव सूर्यकांत धस्माना के करनपुर देहरादून स्थित आवास पर भी प्रदर्शन हुआ।
जिसमें राजेश रावत की गोली लगने से जान गई। अब भी कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना पर हत्या का मुकदमा चल रहा है। बताया जाता है कि गोलियां सूर्यकांत धस्माना के अंगरक्षक यूपी पुलिस के जवानों और सपा नेता ने चलाई थी। जिसमे कई घायल हुए व राजेश रावत शहीद हुए।
माय नेता डॉट कॉम की मुकदमें की फोटो मय हत्या की धारा सहित देखें-
अब पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत सोशल मीडिया पर पार्षद की कथनी पर माफी मांग रहे हैं। तो राज्य आंदोलनकारी संजय भट्ट ने हरदा से कांग्रेस के कर्मो की भी माफी मांगने की अपील की है। कांग्रेस लगातार सूर्यकांत धस्माना को मेयर विधायक का टिकट देती रहती है और दिखावे के लिए माफियां मांगती है।
बता दें कि धस्माना करीब 10 चुनाव विधायक और मेयर के हार चुके हैं। लेकिन कांग्रेस हर चुनाव में उन्हें टिकट दे कर अपना उत्तराखण्ड और उत्तराखंडियत का ढोंग करती रहती है। संजय भट्ट ने कहा कि कांग्रेस में जितने भी राज्य आंदोलनकारी हैं वो विरोध करें, कांग्रेस छोड़ें या चुल्लूभर पानी में डूब मरें।
( खबर सूत्र – संजय भट्ट राज्य आंदोलनकारी )